किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन तीसवें दिन भी जारी रहा. वहीं उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा है, उसमें लगातार गिरावट आई है. खनौरी मोर्चे पर जारी अनशन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी किया. डॉक्टरों के अनुसार, डल्लेवाल का ब्लड प्रेशर पहले के सामान्य स्तर 130/95 से घटकर 100/70 हो गया है, जो उनकी स्थिति के लिए काफी चिंताजनक है.
किसान नेताओं ने सरकार से अपील की है कि डल्लेवाल के कीटोन बॉडी और अन्य सभी मेडिकल टेस्ट सरकारी डॉक्टरों से कराए जाएं, ताकि उनकी स्वास्थ्य स्थिति की वास्तविकता सामने आ सके. नेताओं का कहना है कि डल्लेवाल ने पिछले 30 दिनों से सिर्फ पानी पर निर्भर रहते हुए अनशन किया है, जो उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है. किसान नेताओं ने यह भी सुझाव दिया कि टेस्ट की रिपोर्ट को देश के साथ साझा किया जाना चाहिए, ताकि कोई गलतफहमी न हो.
पंजाब बंद की तैयारी
इसके साथ ही, किसान नेताओं ने पंजाब बंद की तैयारी को लेकर भी बयान दिया. 30 दिसंबर के पंजाब बंद के कार्यक्रम को लेकर खनौरी मोर्चे पर धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक संगठनों/यूनियनों की एक बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें बंद की पुख्ता रणनीति बनाई जाएगी. इसके अलावा, अन्य राज्यों में भी डल्लेवाल के अनशन के समर्थन में सांकेतिक भूख हड़ताल की जाएगी, जो सुबह 10 बजे से 4 बजे तक चलेगी.
हरियाणा सरकार से किए ये सवाल
किसान नेताओं ने हरियाणा सरकार से सवाल किया है कि हाल ही में जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार, क्या कोई राज्य सरकार अपने दम पर 24 फसलों की MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद के लिए आवश्यक आर्थिक संसाधनों का बंदोबस्त कर सकती है? उनका कहना है कि राज्य सरकारों की एजेंसियां मुख्य रूप से केंद्रीय पूल के लिए खरीद करती हैं, जिसका बजट केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाता है.
तेज होता जा रहा आंदोलन
ऐसे में हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री नायाब सैनी से इस सवाल का जवाब मांगा गया है कि क्या राज्य सरकार अकेले अपनी फसलों की MSP पर खरीद कर सकती है? इस बीच, डल्लेवाल के अनशन के साथ-साथ किसानों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. पंजाब में आगामी बंद के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी किसानों के समर्थन में आंदोलन जारी रहेगा. किसान नेता इस आंदोलन को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के खिलाफ राजनीतिक और आर्थिक दबाव बनाने के रूप में देख रहे हैं.