Anji Khad Bridge: देश के पहले केबल रेल ब्रिज पर जनवरी से दौड़ेंगी ट्रेनें! रेलवे ने किया ट्रायल रन, देखें वीडियो

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में भारत के पहले केबल-स्टेड रेल ब्रिज (अंजी खड्ड पुल) पर टावर वैगन का सफलतापूर्वक ट्रायल रन किया गया. अब नए साल जनवरी में कश्मीर के लिए रेल सेवाएं शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर ट्रायल रन का एक वीडियो क्लिप भी शेयर किया है.

रेल मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, “जम्मू और कश्मीर में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देते हुए, यूएसबीआरएल परियोजना के लिए भारत के पहले केबल-स्टेड रेल पुल, अंजी खड्ड ब्रिज पर टावर वैगन का ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है.” अंजी खड्ड पर रेलवे पुल का काम पिछले महीने पूरा हो गया था. पुल के पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी सराहना की थी. उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना का उद्देश्य कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच रेल संपर्क प्रदान करना है.

अधिकारियों ने बताया कि अंजी खड्ड पुल, जिसमें नदी तल से 331 मीटर की ऊंचाई पर एक एकल खंभा है. यूएसबीआरएनएल परियोजना के तहत भारतीय रेलवे द्वारा हासिल की गई एक और इंजीनियरिंग उपलब्धि है. “असली इंजीनियरिंग चमत्कार” के रूप में वर्णित इस पुल के पार्श्व और मध्य भाग में 48 केबल हैं. उन्होंने बताया कि इसके खंभे पर काम 2017 में शुरू हुआ था और यह संरचना अपनी नींव के स्तर से 191 मीटर ऊपर है.

यह कौरी में चेनाब नदी पर बने प्रतिष्ठित आर्च ब्रिज के बाद दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे पुल है, जो नदी तल से 359 मीटर ऊपर बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है. आर्च ब्रिज पेरिस के एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है. अधिकारियों ने बताया कि अंजी खड्ड पुल की कुल लंबाई 473.25 मीटर है, जिसमें पुल की लंबाई 120 मीटर और केंद्रीय तटबंध की लंबाई 94.25 मीटर है.

बता दें कि रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने नवंबर में घोषणा की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी में यूएसबीआरएल पर कश्मीर को नई दिल्ली से जोड़ने वाली वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन कर सकते हैं. चरणबद्ध तरीके से रेल सेवाएं शुरू होने की उम्मीद के साथ, रेलवे ने 272 किलोमीटर लम्बी यूएसबीआरएल परियोजना में से 255 किलोमीटर का काम पूरा कर लिया है, अब कटरा और रियासी के बीच केवल एक छोटा सा हिस्सा ही पूरा होना बाकी रह गया है.

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