मुंबई में एयर इंडिया की महिला पायलट सृष्टि तुली की आत्महत्या के मामले में मुंबई कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि सृष्टि तुली ने आरोपी से तनावपूर्ण संबंध को लेकर कोई शिकायत नहीं की थी. इसके साथ ही कोर्ट ने महिला पायलट सृष्टि तुली को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार आदित्य पंडित को जमानत दे दी. कोर्ट ने 27 दिसंबर को यह फैसला सुनाया. महिला पायलट के परिवार की शिकायत के बाद आदित्य पंडित को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि वह महिला पायलट को परेशान करता था.
अदालत ने अपने आदेश कहा कि महिला ने अपने परिवार या किसी अन्य अधिकारी से उनके तनावपूर्ण संबंधों के बारे में शिकायत नहीं की थी. अदालत ने आदित्य पंडित को कई शर्तों पर जमानत दी, जिसमें यह भी शामिल है कि वह पुलिस की जांच में सहयोग करेगा.
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दूसरी ओर, तुली के परिवार ने पंडित की जमानत याचिका का विरोध करते हुए दावा किया था कि उनकी बेटी की मौत रहस्यमय परिस्थितियों में हुई है और इसकी जांच होनी चाहिए.
महिला पायलट ने नहीं की थी कोई शिकायत
जमानत आदेश में अदालत ने कहा, एफआईआर में आवेदक और मृतक के बीच तनावपूर्ण संबंधों को लेकर तीन उदाहरण दिए गए हैं. हालांकि, मृतक ने आवेदक के कृत्यों के बारे में न तो अपने परिवार के सदस्यों से और न ही किसी अन्य अधिकारी से शिकायत की थी.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान आदित्य पंडित के वकील अनिकेत निकम ने कहा कि शिकायत में तुली परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों को ध्यान में रखने के बाद सुसाइड के लिए उकसाने का कोई केस नहीं बनता है.
निकम ने कहा कि चूंकि आदित्य पंडित और सृष्टि तुली के बीच झगड़े होते थे, इसलिए इसका मतलब यह नहीं है कि आदित्य पंडित का कोई आपराधिक इरादा था.
आरोपी आदित्य पंडित को मिली जमानत
बता दें कि पवई पुलिस ने 26 नवंबर, 2024 को तुली के पिता की शिकायत पर आदित्य पंडित को गिरफ्तार किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उसने मांसाहारी भोजन खाने को लेकर उसके साथ बहस किया था और उसे परेशान किया था.
25 नवंबर को, आदित्य पंडित, जो घटना से पहले चार से पांच दिनों तक तुली के साथ रह रहा था, दिल्ली लौट आया था. उस समय तुली ने उसे फोन किया और बताया था कि वह क्या करने जा रही हैं?
अपनी जमानत याचिका में पंडित ने कहा कि जब तुली ने उनके फोन का जवाब नहीं दिया तो वह मुंबई लौट आए और उनके घर गए. उन्होंने कहा कि जब तुली ने अपने घर का दरवाजा नहीं खोला तो उन्होंने चाबी बनाने वाले को बुलाकर घर खुलवाया और पाया कि वह मृत हैं. इसके बाद वह उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.