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नौकरी जाने से नाराज लोग, मंत्री पद न मिलने पर छलका छगन भुजबल का दर्द..

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता छगन भुजबल को लेकर ऐसा कहा जा रहा था कि वे मंत्री पद न मिलने से नाराज हैं. इस पर अब खुद भुजबल ने पुष्टी की है. भुजबल ने खुलकर कैमरे पर माना कि मंत्रिपद न मिलने से वो अजीत पावर और पार्टी से नाराज हैं.

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महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता छगन भुजबल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, जैसे नौकरी जाने से लोग नाराज होते हैं, ठीक उसी तरह मैं भी नाराज हूं. साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री धनंजय मुंडे की जगह खुद को मंत्री बनाये जाने के सवाल पर कहा कि वे किसी अन्य की जगह नहीं आना चाहते हैं.

क्यों उठी मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात

कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार और एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया था कि धनंजय मुंडे को हटाकर छगन भुजबल को शामिल किया जाएगा. धनंजय मुंडे अपने सहयोगी वाल्मीक कराड की मसाजोग सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित जबरन वसूली के मामले में कथित संलिप्तता को लेकर विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

यही कारण है कि इस बात की अटकलों ने जोर पकड़ लिया था. हालांकि भुजबल ने साफ कर दिया कि वे किसी दूसरे की जगह पर शामिल नहीं होंगे.

मुलाकात के क्या हैं मायने?

एनसीपी नेता छगन भुजबल की नाराजगी सामने आने के बाद उनकी मुलाकात सीएम देवेंद्र फडणवीस से हुई थी. इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं.राजनीतिक पंडितों की मानें तो भुजबल कोई अपनी अलग ही रणनीति बना रहे होंगे. बता दें कि इस समय डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार विदेश दौरे पर हैं. ऐसे में देखना होगा कि पवार की वापसी के बाद भुजबल की नाराजगी को कैसे दूर किया जाएगा.

क्या पाला बदलेंगे भुजबल?

छगन भुजबल के बयानों से तो लग रहा है कि उनके तेवर अभी नर्म नहीं पड़े हैं. उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि ‘जहां नहीं चैना वहां नहीं रहना’. हालांकि इसको लेकर न उनकी तरफ से किसी तरह का बयान सामने नहीं आया है.

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