बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा को रद्द किए जाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को अब कोर्ट ने बिना किसी शर्त के जमानत दे दी है जिसके बाद वो जेल सभी बाहर आ गए हैं.
बता दें कि इससे पहले भी कोर्ट ने प्रशांत किशोर को बेल बॉन्ड में कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी थी लेकिन उन्होंने उन शर्तों को मानने से इनकार कर दिया था और जेल जाने का रास्ता चुना था. प्रशांत किशोर की तरफ से कोर्ट में मुख्य सीनियर वकील वाईबी गिरी केस लड़ रहे हैं.
VIDEO | Jan Suraaj founder Prashant Kishor (@PrashantKishor) walked out of Beur Central Jail after he was granted bail.
Earlier today, Kishor was arrested for his “illegal” fast unto death and sent to jail upon refusal to accept bail, granted by a court with conditions that he… pic.twitter.com/sk5GNuyMzU
— Press Trust of India (@PTI_News) January 6, 2025
उन्होंने बताया था कि प्रशांत किशोर को शर्तों पर जमानत दी जा रही थी कि वो अब कोई धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे जिसे मानने से उन्होंने इनकार कर दिया जिसके बाद प्रशांत किशोर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
क्या थी पहले जमानत की शर्त
प्रशांत किशोर को पहले इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि वह भविष्य में किसी तरह का कोई धरना प्रदर्शन या सरकार के खिलाफ कोई प्रोटेस्ट नहीं करेंगे या विधि व्यवस्था की समस्या पैदा नहीं करेंगे. प्रशांत किशोर जमानत के इन शर्तों को मानने के लिए तैयार नहीं हुए.
जेल जाने से पहले क्या बोले थे PK
इसके बाद उन्होंने जेल जाने का रास्ता चुनते हुए कहा था, ‘रुकना नहीं है, अगर रुकेंगे तो इनका (सरकार) का मन बढ़ जाएगा इसलिए बेल भी नहीं लेंगे और अनशन भी नहीं तोड़ेंगे. प्रशासन को जो करना है करने दीजिए, ये लोग (प्रशासन) सोच रहे थे कि उठाकर यहां लाएंगे, बेल दिला देंगे और बात खत्म हो जाएगी.’
प्रशांत किशोर कब हुए थे गिरफ्तार
सोमवार तड़के चार बजे पुलिस टीम उन्हें गांधी मैदान से उठाकर एंबुलेंस से एम्स ले गई थी. इस बीच पटना पुलिस ने धरनास्थल को खाली करा लिया. पुलिस ने जिस वक्त ये कार्रवाई की उस समय पीके अपने समर्थकों के साथ धरना स्थल पर सो रहे थे.