हैदराबाद में ईडी का बड़ा एक्शन, ठग संदीप देसाई के ठिकानों में मारी रेड

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), हैदराबाद जोनल कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बीते 3 जनवरी को हैदराबाद में एक ठग संदीप देसाई के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया है. इस दौरान ईडी ने लोगों को लुभाने और उनसे पैसे वसूलने के लिए इस्तेमाल किए गए कई सिम कार्ड और मोबाइल फोन जब्त किए गए.

ईडी, हैदराबाद जोनल कार्यालय ने इससे पहले बीते 19 दिसंबर 2024 को पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत हैदराबाद में मेसर्स सीएसके रियलटर्स लिमिटेड और मेसर्स सिंह मेंशन प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित दो परिसरों में तलाशी अभियान चलाया था. जांच से पता चला कि संदीप देसाई ने एक वरिष्ठ ईडी अधिकारी के रूप में मेसर्स सीएसके रियल्टर्स के प्रबंध निदेशक सुरेश कुमार अग्रवाल से संपर्क किया और ईडी अधिकारियों के नाम पर उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश की.

तीन अलग-अलग मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल

ठग संदीप देसाई ने व्हाट्सएप के माध्यम से सुरेश कुमार अग्रवाल से संपर्क करने के लिए तीन अलग-अलग मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया और खुद को वरिष्ठ ईडी अधिकारी के रूप में पेश किया था. देसाई ने सुरेश कुमार को हैदराबाद के एक 5 सितारा होटल (five star hotel) में मिलने के लिए राजी किया. इस मुलाकात के दौरान देसाई ने अपना परिचय ‘राकेश’ और एक ईडी अधिकारी के चचेरे भाई और दोस्त के रूप में दिया.

सुरेश कुमार अग्रवाल से मोटी रकम की मांग

इस दौरान ठग संदीप देसाई ने सुरेश कुमार अग्रवाल से मोटी रकम की मांग की और ईडी अधिकारियों के साथ अपने संपर्क के माध्यम से मेसर्स सीएसके रियल्टर्स के खिलाफ चल रही पीएमएलए जांच में उनकी मदद करने की पेशकश की. इसके बाद उपरोक्त कार्यप्रणाली के संबंध में प्राप्त जानकारी के आधार पर ईडी ने सुरेश कुमार को लिखित शिकायत दर्ज करने के लिए कहा.

संदीप देसाई ने मानी ठगी करने की बात

सुरेश कुमार की शिकायत के आधार पर ईडी ने फौरन कार्रवाई शुरू की. जांच के दौरान ईडी ने सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस के जरिए ठग संदीप देसाई की पहचान की और उसके ठिकाने का पता लगाया गया. इसके बाद उसके आवासीय परिसर में तलाशी अभियान चलाया गया, जहां से उसके द्वारा इस्तेमाल किए गए कई सिम कार्ड और मोबाइल फोन जब्त किए गए. जांच के दौरान दर्ज किए गए अपने बयान में ठग संदीप देसाई ने स्वीकार किया कि उसने सुरेश कुमार से पैसे ऐंठने की कोशिश की थी.

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