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छोटी काशी कॉरिडोर के लिए प्रशासन सख्त, धर्मशालाओं के ध्वस्तीकरण पर विवाद

लखीमपुर खीरी : जिले के गोला गोकर्णनाथ में शाम को प्रशासन ने अग्निहोत्री धर्मशाला का ध्वस्तीकरण कर दिया. इस कार्रवाई को लेकर पिछले पांच दिनों से मंथन चल रहा था, दरअसल धर्मशाला में रहने वाले साहित्यकार रविसुत शुक्ला ने भी अपना दावा ठोकते हुए कहा था इसकी देखरेख उन्होंने की, पर इसका पारिश्रमिक उनको कभी नहीं दिया गया.उन्होंने 43 लाख रुपये बतौर पारिश्रमिक दिलाए जाने की मांग उठाई थी.

एसडीएम की जांच और दस्तावेज़ों की स्थिति

रविशुत शुक्ला द्वारा पेश किए गए दस्तावेज उर्दू और फारसी में थे.एसडीएम की जांच के दौरान इन दस्तावेजों में पुख्ता तथ्यों की कमी पाई गई. जांच में यह भी सामने आया कि जिन दस्तावेजों के आधार पर शुक्ला ने दावा किया था, वे सभी नजूल की जमीन से संबंधित थे.इस पर प्रशासन ने यह निर्णय लिया कि धर्मशाला को ध्वस्त किया जाए.

ध्वस्तीकरण में कई अन्य धर्मशालाएं शामिल

छोटी काशी कॉरिडोर निर्माण के तहत प्रशासन ने कई भवनों का चिन्हिकरण किया था और बाद में इन भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की.प्रशासन ने लिखित में अनापत्ति पत्र प्राप्त करने के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया.ध्वस्तीकरण में कई अन्य धर्मशालाओं और निर्माणों को भी शामिल किया गया.

 

ध्वस्तीकरण की लिस्ट में कई धर्मशालाएं शामिल

ध्वस्तीकरण के तहत अग्निहोत्री धर्मशाला के अलावा मालपुर धर्मशाला, थारू धर्मशाला, अंगद बरेली, महादेवा, गोस्वामी धर्मशाला, छह भवन, जिला पंचायत द्वारा निर्मित 13 दुकाने, नगर पालिका की सात दुकाने, सत्संग भवन, शौचालय और अम्बेडकर पार्क के निकट बना शौचालय भी ध्वस्त किए गए. इन सभी भवनों के मलवे को जेसीबी से एकत्र कर डंपरों और ट्रालियों से भेजा जा रहा है.

 

 

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