महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के कुछ सप्ताह बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) की दो दिवसीय बैठक हुई. बैठक में पार्टी प्रमुख शरद पवार ने अजित पवार के साथ जाने की खबरों का खंडन किया. साथ ही साफ कर दिया कि वह मरते दम तक बीजेपी के साथ नहीें जाएंगे. दूसरी ओर, पार्टी नेताओं ने शरद पवार को पार्टी को मजबूत करने के लिए कदम उठाने के लिए अधिकृत किया. पार्टी के विधायक और सांसदों ने शरद पवार के साथ खड़े रहने और एकजुट रहने की बात कही.
विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के एक प्रमुख घटक एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने संगठनात्मक मामलों पर चर्चा के लिए बैठक की. वाईबी चव्हाण केंद्र में आयोजित इस बैठक में शरद पवार के अलावा पार्टी के राज्य स्तरीय पदाधिकारी, जिला और तालुका अध्यक्ष शामिल हुए.
एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक और पूर्व मंत्री जितेंद्र अहवाड़ ने बैठक के बाद बताया कि आज की मीटिंग खत्म हुई. ये दो दिन की बैठक कार्यकर्ताओं में नया जोश लेन के लिए थी.
उन्होंने कहा कि शरद पवार ने जो आरएसएस के बारे में कहा, उसे आप तारीफ नही बोल सकते. संघ के काम करने के तरीके के बारे में वो बोले. संघ वाले 20 साल तक एक जगह पर रहते हैं. संगठन में खुद को झोंक देते हैं. संघ के कारण बीजेपी जीती, ईवीएम तो था ही, लेकिन संघ भी था.
एनसीपी के साथ नहीं होगा विलय
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का कोई मर्जर नही हो रहा. वो किसी के साथ नहीं जा रही है. हम अपने दम पर पार्टी चलाएंगे. अजित पवार या किसी और के साथ हम मर्ज हो जाये ये गलत बात है. और मरते दम तक हम बीजेपी के साथ नहीं जानेवाले, ये बात भी साफ है.
इसके साथ ही बैठक मेंपार्टी ने राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं और युवाओं को 50 प्रतिशत टिकट आवंटित करने का भी फैसला किया.
संगठन को मजबूत करने के लिए उठाया जाएगा कदम
पार्टी प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि बैठक में मौजूद लोगों ने पवार को संगठन को मजबूत करने के लिए उचित कदम उठाने के लिए अधिकृत किया. तपासे ने कहा कि पूरा संगठन, इसके 10 विधायक और आठ लोकसभा सांसद पार्टी अध्यक्ष के साथ हैं.
उनका यह बयान शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत द्वारा यह दावा किए जाने के एक दिन बाद आया है कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी प्रतिद्वंद्वी खेमे में दलबदल कराने की कोशिश कर रही है और अपने नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने का वादा कर रही है.