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शिंदे की शख्सियत अलग… फडणवीस ने बताया क्यों खुश नजर नहीं दिखते पूर्व CM

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद अब नई सरकार पुरजोर तरीके से काम पर लग चुकी है. चुनाव में जनता ने बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी का तमगा दिया तो महायुति पर जीत का सेहरा बांधा. बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने और एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम पद पर संतोष करना पड़ा. जिस समय चुनाव का परिणाम सामने आया था उस समय एकनाथ शिंदे ने बीजेपी को बड़ी पार्टी बताया था और कहा था कि मुख्यमंत्री उसी का बनना चाहिए. हुआ भी वहीं, देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बन गए, लेकिन महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में एक चर्चा हमेशा से रही कि आखिर एकनाथ शिंदे के चेहरे की मुस्कान कहां चली गई? अब देवेंद्र फडणवीस ने इस सवाल का जवाब दिया है.

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रिपोर्ट के मुताबिक, देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद डिप्टी सीएम बनना चाहिए या नहीं, एकनाथ शिंदे के सामने ये बड़ा सवाल था. तत्काल में वो कई निर्णय नहीं ले सके तो मीडिया में खबरें चलने लगीं. उस समय मैंने एकनाथ शिंदे से चर्चा की और उन्हें अपना अनुभव बताया. उनसे कहा कि आप पार्टी चलाना चाहते हैं. दो फाड़ होने के बाद शिवसेना एक नई पार्टी है. ऐसे में बिना सत्ता में रहे पार्टी चलाना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए अगर आप सरकार में आते हैं तो यह पार्टी के लिए फायदेमंद होगा. उन्हें सरकार में शामिल होने का महत्व समझाया, इसके बाद वे अंत में सहमत हो गए और उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला.

एकनाथ शिंदे के चेहरे पर मुस्कान क्यों नहीं है?

उपमुख्यमंत्री बनने के बाद एकनाथ शिंदे के चेहरे पर मुस्कान नहीं है क्योंकि वो परेशान हैं की चर्चाओं पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मेरे चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है. लेकिन एकनाथ शिंदे की शख्सियत अलग है. उनके चेहरे पर कभी मुस्कान नहीं आती. जब वे मुख्यमंत्री थे तब भी उनके चेहरे पर मुस्कान नहीं थी, लेकिन मुख्यमंत्री होने के कारण उस समय किसी ने ऐसा नहीं कहा, लेकिन उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उनके चेहरे पर मुस्कान नहीं है, इसलिए कहा जा रहा है कि वह परेशान हैं. लेकिन उनका व्यक्तित्व वही है.

उद्धव ठाकरे से मुलाकात पर क्या बोले फडणवीस?

उद्धव ठाकरे ने फडणवीस से मुलाकात की और किताबें दीं. इसी सवाल पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दक्षिणी राज्य में राजनीतिक नेता ‘खून के प्यासे’ हैं, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा नहीं था. 2019 में कुछ टकराव की स्थिति बनी. उसके बाद, जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो मैंने कहा था कि मैं महाराष्ट्र में अपनी राजनीतिक संस्कृति वापस लाना चाहता हूं. फडणवीस ने कहा, उसके बाद सभी विपक्षी दल मिलने आने लगे.

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