महाराष्ट्र के नागपुर में हैरान करने वाला मामल सामने आया है. यहां विद्युत विभाग की छापेमार कार्रवाई में एक करोड़ से ज्यादा की बिजली चोरी का खुलासा हुआ. करोड़ों रुपयों की बिजली चोरी एक राइस मिल में की जा रही थी. टीम ने छापा मारकर बिजली चोरी पकड़ी है. विभाग ने राइस मिल संचालक के खिलाफ केस दर्ज कराया है. वहीं, उसपर 13 लाख 10 हजार रुपयों का जुर्माना भी लगाया है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विदर्भ में चोरी का ये सबसे बड़ा मामला है.
नागपुर के रामटेक तहसील के देवलापार इलाके की एक राइस मिल पर सरकारी बिजली विभाग कार्यालय याने महावितरण के अधिकारियों ने जब बिजली मीटर रीडिंग चेक किया तो वो चौंक गए. इस मीटर पर सरकारी सील गायब थी. इतना ही नहीं मीटर से कई केबल जुड़े हुए थे जो केबल के जरिये बिजली चोरी होने का संकेत दे रहे थे. टीम ने गहन जांच की तो पता चला कि अब तक इस राइस मिल ने 1 करोड़ रुपयों से ज्यादा की बिजली चोरी की गई है.
महावितरण टीम ने पकड़ी बिजली चोरी
रामटेक तहसील के देवलापार स्थित ताज राइस मिल में 1 करोड़ 2 लाख 23 हजार 894 रुपए की बिजली चोरी का खुलासा हुआ. विदर्भ में ये अब तक की सबसे बड़ी बिजली चोरी के मामले के रूप में सामने आया है. महावितरण की छापेमार टीम ने इस चोरी को पकड़ा है. इसके साथ ही, मामले में 13 लाख 10 हजार रुपए का अलग से जुर्माना भी लगाया गया है. इस प्रकरण में ताज राइस मिल के मालिक के खिलाफ रामटेक पुलिस स्टेशन में भारतीय विद्युत अधिनियम 2003, संशोधित 2007 की धारा 151 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
12 महीनों में कर डाली 1 करोड़ से ज्यादा की बिजली चोरी
महावितरण की टीम ताज राइस मिल का बिजली कनेक्शन और उपकरण जांचने पहुंची थी. जांच के दौरान पाया गया कि औद्योगिक ((इंडस्ट्रियल)) थ्री-फेज मीटर पर महावितरण की सील नहीं लगी थी और अतिरिक्त केबल जोड़कर अवैध रूप से बिजली आपूर्ति जारी थी. टीम द्वारा गहन जांच-पड़ताल करने पर यह सामने आया कि ग्राहक ने पिछले 12 महीनों के दौरान 4 लाख 90 हजार 32 यूनिट बिजली का अवैध रूप से उपयोग किया, जिससे महावितरण को 1 करोड़ 2 लाख 23 हजार 894 रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ. बताया जा रहा है कि यह विदर्भ क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा बिजली चोरी का मामला है. महावितरण की यह कार्रवाई बिजली चोरी रोकने की दिशा में एक अहम कदम है.