चंदौली : मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के भोगवार गांव में संदिग्ध परिस्थितियों में एक विवाहिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. ससुराल पक्ष ने मामले की सूचना न तो मायके वालों को दी और न ही पुलिस को. वे चुपचाप अंतिम संस्कार के लिए शव को कैली गंगा घाट ले गए. लेकिन घटना की जानकारी होने पर मायके पक्ष ने घाट पर पहुंचकर इसका कड़ा विरोध किया. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
अलीनगर थाना क्षेत्र के तारापुर गांव निवासी मेवालाल की 25 वर्षीय बेटी रितु की शादी 2021 में भोगवार गांव के जयप्रकाश के साथ हुई थी. दोनों के तीन बच्चे हैं. शुक्रवार को जब जयप्रकाश मजदूरी के लिए मुगलसराय गया था, तभी घर पर रितु संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी के फंदे से लटकी पाई गई. ससुराल पक्ष ने बिना देरी किए रितु का शव अंतिम संस्कार के लिए कैली गंगा घाट ले जाने का निर्णय लिया.
कैली गंगा घाट पर ससुराल पक्ष द्वारा शव का अंतिम संस्कार किया जाने वाला था. लेकिन रितु के गले पर फांसी का स्पष्ट निशान देखकर वहां मौजूद डोम ने चिता को आग देने से इनकार कर दिया. इसी बीच मायके पक्ष को घटना की भनक लग गई, और वे घाट पर पहुंच गए. उन्होंने ससुराल पक्ष पर बिना सूचना के शव ले जाने का आरोप लगाते हुए जोरदार विरोध किया.
घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई. लगभग एक घंटे तक दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस और पंचायत चली, लेकिन मामला सुलझ नहीं सका. इसके बाद मायके पक्ष की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भेज दिया.
घटना के संबंध में मुगलसराय कोतवाली प्रभारी विजय बहादुर सिंह ने बताया, “शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. मामले में विधिक कार्रवाई की जा रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.मायके पक्ष ने ससुराल वालों पर रितु के साथ दुर्व्यवहार और प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उन्होंने घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
रितु की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. गले पर फांसी के निशान, बिना सूचना के शव का अंतिम संस्कार करने की कोशिश, और दोनों पक्षों के बीच विवाद ने इस मामले को गंभीर बना दिया है. पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी. यह घटना सामाजिक जागरूकता की जरूरत पर भी सवाल खड़े करती है, जहां महिलाएं मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना के चलते ऐसे कठोर कदम उठाने पर मजबूर हो जाती हैं.