टीम इंडिया बाएं हाथ के बल्लेबाज देवदत्त पडिक्कल लंबे समय से ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थे. पहले उन्होंने अनऑफिशियल टेस्ट में हिस्सा लिया था. फिर उनके प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए भी टीम में शामिल किया गया था. हालांकि, पडिक्कल को ठीक से मौका नहीं मिल सका था. वो सिर्फ एक ही मैच खेल सके थे. रोहित शर्मा के आते ही उन्हें बाहर कर दिया गया थआ. लेकिन सीरीज समाप्त होते ही वो भारत वापस लौट चुके हैं और आते ही उन्होंने बल्ले से कोहराम मचा दिया. दरअसल, विजय हजारे ट्रॉफी में आज यानि कर्नाटक और बड़ौदा के बीच क्वार्टर फाइनल मुकाबला खेला जा रहा है. इस मैच में उन्होंने कर्नाटक के लिए ओपन करते हुए पहले ही मैच में शतक जड़ दिया.
बड़ौदा के खिलाफ शतकीय पारी
विजय हजारे ट्रॉफी अब अपने अंतिम पड़ाव पर है. देवदत्त पडिक्क ऑस्ट्रेलिया से लौटते ही ये टूर्नामेंट खेलने के लिए पहुंच गए. उन्होंने क्वार्टर फाइनल 4 मुकाबले में हिस्सा लिया. ये मैच क्रुणाल पंड्या की कप्तानी वाली बड़ौदा और मयंक अग्रवाल की कप्तानी वाली टीम कर्नाटक के बीच खेला गया. शनिवार 11 फरवरी को हुए इस मैच में पडिक्कल कर्नाटक की ओर ओपनिंग के लिए आए. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया का सारा गुस्सा इस पारी में निकाल दिया. पडिक्कल ने महज 92 गेंद में सेंचुरी ठोक दी. उन्होंने 99 गेंद में 102 रन की पारी खेली. इस दौरान पडिक्कल ने खूब चौके और छक्के बरसाए. पडिक्कल ने 15 चौके और 2 छक्के लगाए.
बता दें ऑस्ट्रेलिया में देवदत्त पडिक्कल ने पहले दो अनऑफिशियल टेस्ट खेले थे. इसमें उन्होंने कुछ छोटी-छोटी मगर अहम पारियां खेली थी. हालांकि, भारत की ए टीम मैच नहीं जीत सकी थी. उनके प्रदर्शन को देखते हुए 5 मैचों के सीरीज में शामिल किया गया था और पर्थ टेस्ट में खेलने का मौका भी दिया गया था. इस मैच में वो अपने मौके फायदा नहीं उठा पाए और पहली पारी में वो बिना खाता खोले आउट हो गए थे. वहीं दूसरी पारी में सिर्फ 25 रन बना सके थे. इसके अगले मैच में कप्तान रोहित शर्मा की वापसी हुई और पडिक्कल को टीम से बाहर कर दिया गया.
कर्नाटक नहीं उठा सकी फायदा
कर्नाटक की टीम को एक मजबूद शुरुआत मिली थी लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा सकी. 31 ओवर में 2 विकेटों नुकसान पर टीम ने 172 रन बना लिए थे. लेकिन इसके बाद देवदत्त पडिक्कल ने अपना विकेट गंवा दिया. फिर कर्नाटक ने लगातार विकेट गंवाने शुरू कर दिए. 221 के स्कोर पर टीम को चौथा और 226 के स्कोर पर पांचवां झटका लगा. वहीं 227 के स्कोर पर छठा विकेट भी गिर गया. 253 तक जाते-जाते 7 बल्लेबाज पवेलियन लौट गए. अंत में 50 ओवर के बाद कर्नाटक 8 विकेट के नुकसान पर 281 रन बना सकी.