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शनि प्रदोष व्रत: जानें पारण की सही विधि और नियम, इस तरीके से करें पूजा पूरी..

हिंदू धर्म में प्रदोष के व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. ये व्रत महिने में दो बार पड़ता है. प्रदोष के व्रत का दिन भगवान शिव को समर्पित किया गया है. इस दिन भगवान शिव के पूजन और व्रत का विधान है. इस दिन शनि देव की भी पूजा की जाती है. इस दिन भगावान शिव का पूजन और व्रत करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.

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आज है शनि प्रदेष का व्रत

इस साल पहला प्रदोष आज ही है. आज शनिवार का दिन है. इस वजह से इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जा रहा है. शनि प्रदोष व्रत के तिथि की शुरुआत आज सुबह 8 बजकर 21 मिनट पर हो चुकी है. इस तिथि का समापन कल सुबह 6 बजकर 33 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, आज ही शनि प्रदोष का व्रत रखा जा रहा है. व्रत का पारण कल किया जाएगा. आइए जानते हैं शनि प्रदोष के व्रत और उसके पारण की विधि.

व्रत विधि

  • शनि प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
  • मंदिर में शिव जी की प्रतिमा या तस्वीर रखनी चाहिए.
  • प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा के समय उनको फूल, बेलपत्र और अक्षत चढ़ाना चाहिए.
  • भगवान शिव को चंदन का भी तिलक करना चाहिए.
  • भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए.
  • शनि प्रदोष व्रत की कथा पढ़नी चाहिए. शिव जी के मंत्रों का जाप करना चाहिए.
  • अंत में भगवान शिव की आरती करनी चाहिए.
  • शनि प्रदोष व्रत पर सिर्फ फलाहार खाना चाहिए.
  • शनि प्रदोष व्रत पर फलाहार बनाने में सादे नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए.
  • इस दिन हरे मूंग का सेवन भी किया जा सकता है.

व्रत पारण का मुहूर्त और की विधि

शनि प्रदोष के व्रत का पारण कल यानी 12 जनवरी को किया जाएगा. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, किसी भी व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद ही किया जाता है. द्रिक पंचांग के अनुसार, कल सूर्योदय 7 बजकर 15 मिनट पर होगा. ऐसे शनि प्रदोष व्रत का पारण कल सुबह 7 बजकर 15 मिनट के बाद किया जा सकता है. कल सर्व प्रथम स्नान करें. इसके बाद भगवान शिव का पूजन करें. इसके बाद फलाहार करके व्रत का पारण करें.

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