अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से शहर का कायाकल्प हो गया है, 11 जनवरी से 13 जनवरी तक मनाए जा रहे प्रतिष्ठा द्वादशी उत्सव ने न केवल धार्मिक उत्साह को बढ़ाया है, बल्कि अयोध्या के विकास को भी नई दिशा दी है.
श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद से अयोध्या में व्यापार और रोजगार के नए अवसर खुल गए हैं. सरकारी और निजी योजनाओं के तहत 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या का तीव्र विकास हो रहा है.
इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी बदलाव
जर्जर सड़कों और संकरी गलियों के लिए पहचानी जाने वाली अयोध्या अब आधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित हो चुकी है. “रामपथ” और “धर्मपथ” जैसी नई सड़कों के निर्माण ने यातायात को सुगम बना दिया है, रेलवे ओवर ब्रिज और बेहतर परिवहन सुविधाओं ने तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि की है.
व्यापार में तेजी
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े व्यापारी तक सभी को फायदा हुआ है. पहले सौ-दो सौ रुपये कमाने वाले दुकानदार अब पांच-पांच हजार रुपये तक की कमाई कर रहे हैं, रामलला की फोटो, लॉकेट, रामनामी, और प्रसाद जैसे धार्मिक उत्पादों की मांग में भारी बढ़ोतरी हुई है.
रोजगार और स्वरोजगार के अवसर
राम मंदिर निर्माण के साथ होटल, होमस्टे, ट्रैवल एजेंसियों और छोटे व्यवसायों ने खूब तरक्की की है। बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। शहर में मल्टीप्लेक्स, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और ब्रांडेड शोरूम खुलने से युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए रास्ते खुल गए हैं.
होटल व्यवसायी अंचल कुमार गुप्ता ने कहा, “रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ने हमारे व्यापार में जान डाल दी है,छोटे व्यापारी भी अब अच्छी कमाई कर रहे हैं.”
श्रद्धालुओं की बढ़ती आमद
श्रद्धालुओं और पर्यटकों की बड़ी संख्या ने अयोध्या की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। स्थानीय परिवहन, फूल-मालाओं के व्यवसाय, भोजनालय, और ट्रांसपोर्टेशन जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है.
अयोध्या के इस विकास ने शहर को न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से भी सशक्त बना दिया है. “अवधपुरी” अब अपनी नई पहचान के साथ विकास की नई इबारत लिख रही है.