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सुकमा में 43 लाख के 9 इनामी नक्सलियों का सरेंडर, नक्सल फ्रंट पर बड़ी सफलता

सुकमा: सुकमा में सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ जंग में बड़ी सफलता हासिल की है. यह साल 2025 की अब तक की बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. एक साथ कुल 9 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में दो महिला और सात पुरुष नक्सली शामिल हैं. सभी माओवादी इनामी हैं. सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों पर कुल 43 लाख रुपये का इनाम था. एंटी नक्सल ऑपरेशन के इतर सुरक्षा बलों को यह कामयाबी मिली है.

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सुकमा एसपी के सामने डाले हथियार: सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों ने शनिवार को सुकमा एसपी के सामने हथियार डाले हैं. सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है. लाल आतंक का रास्ता छोड़ने और हथियार डालने वाले नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि के अलावा कपड़े भी प्रदान किए गए हैं. पुलिस का कहना है कि इन नक्सलियों के सरेंडर करने से सुकमा पुलिस को कई अहम जानकारी मिल सकती है. जिससे नक्सलवाद के खिलाफ जंग में काफी मदद मिल सकती है.

छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति और नक्सल उन्नमूलन अभियान के तहत यह सफलता हाथ लगी है. जिले में नियद नेल्लानार योजना और नए सुरक्षा कैंप की स्थापना से काफी मदद मिली है. शनिवार को कुल 9 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इनके ऊपर 43 लाख रुपये का इनाम घोषित था. सरेंडर कराने में कोंटा डीआरजी, नक्सल सेल और सीआरपीएफ की 02 नंबर कंपनी की अहम भूमिका रही: किरण वी चव्हाण, एसपी, सुकमा

सरेंडर करने वाले नक्सलियों का इतिहास: सरेंडर करने वाले नक्सली सुकमा और बस्तर क्षेत्र में सक्रिय थे. जिन नक्सलियों ने हथियार डालने का फैसला किया है उनमें नक्सलियों के प्लाटून कमांडर रनसाय उर्फ मनोज और प्रदीप उर्फ रव्वा राकेश जैसे नक्सली शामिल हैं. इन नक्सलियों से घातक हथियार भी बरामद हुए हैं. सरेंडर करने वालों में दो नक्सली 8 लाख के इनामी, 4 नक्सली पांच लाख के इनामी, एक नक्सली 3 लाख का इनामी जबकि दो नक्सली दो लाख का इनामी है.

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