बिहार में BPSC परीक्षा की कथित अनियमितताओं को लेकर छात्रों का आंदोलन गहराता जा रहा है. बिहार के पटना में आज BPSC री- एग्जाम और बहाली परीक्षाओं में गड़बड़ी की जांच को लेकर छात्रों का प्रदर्शन जारी है. पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने BPSC 70वीं पीटी की परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आज यानी रविवार 12 जनवरी को बिहार बंद का ऐलान किया. उन्होंने व्यापारियों से इस बंद को सफल बनाने का आग्रह किया.
पटना में जगह-जगह पर बीच सड़क पर छात्र आगजनी कर यातायात को बाधित कर रहे हैं. साथ ही छात्रों ने पटना के अशोक राजपथ पर हंगामा किया और आगजनी की. BPSC री-एग्जाम और बहाली परीक्षाओं में गड़बड़ी की जांच को लेकर बंद बुलाया है. इस बंद का भीम आर्मी और AIMIM ने भी बंद का समर्थन किया है.
ये हैं छात्रों की मांगे
बीपीएससी 70वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा (BPSC 70th PT Exam) 13 दिसंबर 2024 को आयोजित किया गया था. परीक्षा के दिन से अभ्यर्थी में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए परीक्षा रद्द करने की मांग की जा रही है. बता दें कि बिहार में बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा विवाद के बीच 4 जनवरी को 12 हजार अभ्यर्थियों के लिए री-एग्जाम आयोजित हुआ. करीब 12 हजार अभ्यर्थियों के लिए 22 एग्जाम सेंटर पर री-एग्जाम संपन्न हुआ. अब आयोग जल्द ही प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित करने की तैयारी कर रहा है.
दरअसल, 13 दिसंबर को बिहार के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर बीपीएससी 70वीं पीटी परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा के दिन से ही अभ्यर्थी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाकर इसे रद्द करके फिर से कराने की मांग कर रहे हैं. अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि पटना के बापू एग्जाम सेंटर पर छात्रों को पेपर देरी से मिला था और पेपर की सील पहले से खुली हुई थी. परीक्षा के दिन इससे नाराज परीक्षार्थियों ने दूसरे एग्जाम रूम में जाकर परीक्षार्थियों की शीट और पेपर फेंक दिए थे, जिसकी पुष्टि एग्जाम रूम में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी हुई है.
मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च
इससे पहले AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) और RYA (रिवॉल्यूशनरी यंगस्टर्स एसोसिएशन) जैसे संगठनों के छात्र प्रदर्शनकारियों ने पटना के गांधी मैदान से मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च शुरू किया था. छात्रों की मांग है कि BPSC परीक्षा को रद्द कर इसे नए सिरे से पारदर्शी तरीके से आयोजित किया जाए.
छात्रों का बढ़ा गुस्सा
इससे पहले भी पटना में छात्रों के प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल ने छात्रों और उनके संगठनों के आक्रोश को और बढ़ा दिया है. छात्रों का कहना है कि सरकार उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे.
सरकार की चुप्पी!
अब तक सरकार की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. छात्रों और विपक्षी दलों का कहना है कि यदि जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. पटना में बढ़ते इस आंदोलन ने बिहार सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले पर क्या रुख अपनाती है.