चंदौली : शहाबगंज ब्लॉक अंतर्गत कौड़िहार गांव के निवासी सतानंद ने विकास कार्यों में कथित भ्रष्टाचार को लेकर मांगी गई जानकारी में धांधली का आरोप लगाते हुए खंड विकास अधिकारी और ग्राम सेक्रेटरी के खिलाफ जिला न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई है.
इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है.पीड़ित सतानंद ने कौड़िहार ग्राम सभा में हुए विकास कार्यों में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी.
आरोप है कि शहाबगंज के खंड विकास अधिकारी दिनेश कुमार सिंह और ग्राम सेक्रेटरी राजेंद्र प्रसाद भारती ने लगभग 1000 पन्नों की सूचना के लिए तय शुल्क से अधिक पैसा वसूला इसके अलावा, उपलब्ध कराई गई जानकारी को मनगढ़ंत, तथ्यहीन और भ्रामक बताया गया.
पीड़ित ने कहा कि सूचना में न तो हस्ताक्षर थे और न ही किसी आधिकारिक मुहर का प्रयोग किया गया.यह स्पष्ट रूप से सूचना अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है.उन्होंने बताया कि विकास कार्यों में गड़बड़ियों को छिपाने के लिए जानबूझकर गलत और अधूरी जानकारी दी गई.
इस पूरे प्रकरण से निराश होकर सतानंद ने न्याय पाने के लिए जिला न्यायालय चंदौली का दरवाजा खटखटाया.उन्होंने खंड विकास अधिकारी और ग्राम सेक्रेटरी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
पीड़ित का कहना है कि कौड़िहार ग्राम सभा में विकास कार्यों के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है.सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के साथ छेड़छाड़ कर प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने का प्रयास किया. इस शिकायत के बाद शहाबगंज ब्लॉक में प्रशासनिक गतिविधियों पर सवाल खड़े हो गए हैं.ग्रामीणों में भी इस मामले को लेकर रोष देखा जा रहा है.
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी को तय समय सीमा के भीतर सटीक और पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराना अनिवार्य है.किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या मनगढ़ंत जानकारी देना अधिनियम का उल्लंघन माना जाता है.
इस मामले में जिला न्यायालय का फैसला प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर एक मिसाल बन सकता है.ग्रामीण उम्मीद कर रहे हैं कि न्यायालय इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश देगा.