छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल तेलंगाना के साथ एमओयू साइन किया है। इस समझौते के तहत बस्तर क्षेत्र में 200 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की मौजूदगी में हुए इस अनुबंध को प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक माना जा रहा है।
यह अस्पताल 10 मंजिला होगा और 240 बिस्तरों की क्षमता से लैस रहेगा। इसमें कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी जैसे विभाग संचालित होंगे। इसके अलावा आईसीयू, ओपीडी और आपातकालीन सेवाओं की हाई-टेक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। मरीजों को अब इलाज के लिए रायपुर और बिलासपुर जैसे बड़े शहरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, बल्कि जगदलपुर में ही उन्हें सरकारी दर पर विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य आदिवासी अंचलों तक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना है। उन्होंने इस अस्पताल को नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए जीवनदायी बताया। अब घायल जवानों को एयर एंबुलेंस से रायपुर ले जाने की बजाय वहीं तत्काल इलाज मिल सकेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने इसे प्रदेश के लिए गर्व का विषय बताया और कहा कि अब बस्तर के लोग भी समय पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया के अनुसार, परियोजना की लागत में 120 करोड़ केंद्र सरकार और 80 करोड़ राज्य सरकार ने योगदान दिया है, जबकि एनएमडीसी ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है।
11 एकड़ में फैले इस अस्पताल को आधुनिक मशीनों और उपकरणों से लैस किया जा रहा है। इस पहल से न केवल बस्तर अंचल बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देशभर के मरीजों को लाभ मिलेगा। अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने इसे प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र का मील का पत्थर बताया। यह अस्पताल लाखों लोगों के लिए नई आशा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का केंद्र साबित होगा।