कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में 3 माह की मासूम बच्ची की आंगनबाड़ी में लगाए गए टीके के डबल डोज से मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि बच्ची को 3 माह का टीका पहले लगाया गया फिर 9 माह की दूसरी बच्ची के लिए तैयार किया गया टीका भी लगा दिया गया।
बच्ची को वैक्सीन 25 मार्च को लगाई गई थी। परिजनों ने जब नर्स से सवाल जवाब किए तो नर्स ने इस पर कुछ नहीं होने की बात कही। लेकिन कुछ ही देर बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी। परिजन उसे तुरंत भानुप्रतापपुर के शासकीय अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां जांच के बाद सिरप देकर घर भेज दिया गया।
बुखार आया और पेट फूलने लगा
लेकिन, बच्ची की तबीयत और ज्यादा बिगड़ने लगी, तेज बुखार और पेट फूलने की समस्या होने लगी। इसके बाद उसे धमतरी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 31 मार्च को इलाज के दौरान मासूम ने दम तोड़ दिया।
इंफेक्शन से हुई बच्ची की मौत
टीकाकरण के डबल डोज से बच्ची के शरीर में इंफेक्शन हो चुका था। धमतरी अस्पताल में इलाज के दौरान चिकित्सकों ने मासूम बच्ची के शरीर में इन्फेक्शन की जानकारी दी और स्थिति गंभीर बताते हुए इलाज शुरू कर दिया। मासूम बच्ची का इलाज हो रहा था कि इसी दौरान उसकी मौत हो गई।
थाने में शिकायत के बाद हुआ पोस्टमॉर्टम
मासूम की मौत के बाद परिजन भानुप्रतापपुर थाने पहुंचे और लापरवाही की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पोस्टमॉर्टम कराया और पंचनामा तैयार किया। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद दोषियों पर मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने की जांच के लिए टीम गठित
परिजनों ने SDM भानुप्रतापपुर से भी शिकायत की, जिसके बाद प्रशासन ने जांच के लिए एक टीम गठित की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने टीकाकरण प्रक्रिया की निगरानी और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।