पैलिऑन्टोलॉजिस्ट्स यानि जीवाश्म विज्ञानियों ने पार्वोसुचस ऑरेलियोई (Parvosuchus Aurelioi) नाम के एक नई खूंखार रेप्टाइल प्रजाति की खोज की है, जिसे 23.7 करोड़ साल पुराना बताया जा रहा है. यह प्रजाति दक्षिणी ब्राजील के सांता मारिया फॉर्मेशन के लिन्हा वर्जिया 2 क्षेत्र में पाई गई थी. यह खोज साइंटिफिक रिपोर्ट्स में पब्लिश की गई है. बताया जाता है कि यह प्रजाति मगरमच्छों की तरह दिखने वाले स्यूडोसुचियंस समूह का हिस्सा है.
सांता मारिया के फेडरल यूनिवर्सिटी के पैलिऑन्टोलॉजिस्ट रोड्रिगो मुलर ने बताया, यह खोज ग्रैसिलिसुचिडे प्रजाति के लिए दुर्लभ है, जिसमें पहले से केवल तीन प्रजातियां ज्ञात थीं. इनमें से दो प्रजातियां चीन में और एक अर्जेंटीना में पाई गई थीं. पार्वोसुचस ऑरेलियोई की खोज के बाद अब ज्ञात प्रजातियों की कुल संख्या 4 हो गई है.
डायनासोर से भी थे पुराने
उन्होंने बताया कि यह प्रजाति डायनासोरों के पृथ्वी पर आने से पहले ही विलुप्त हो चुकी थी. इस प्रजाति के जीवाश्म चट्टान की मोटी परत के नीचे दबे हुए थे. इन अवशेषों को निकालने के लिए एसिड और हथौड़ों का उपयोग किया गया, जिससे एक पूरी खोपड़ी बरामद हुई. मुलर के मुताबिक, यह जीव लगभग 6.5 फीट लंबा था, जिसकी एक लंबी पूंछ और चार पैर थे. इसके दांत भी बेहद नुकीले थे.
वैज्ञानिकों को क्या मिला?
रिपोर्ट के मुताबिक, पार्वोसुचस ऑरेलियोई के जीवाश्मों में एक खोपड़ी, 11 कशेरुक (रीढ़ की हड्डी), पेल्विस और कुछ अंगों की हड्डियां शामिल हैं. यह खूंखार मांसाहारी जीव स्यूडोसुचिया (Pseudosuchia) वंश की सबसे प्रारंभिक प्रजातियों में से एक है, जो दिखने में बिल्कुल मगरमच्छ जैसा था. 25.2 करोड़ साल पहले जब पृथ्वी पर कई जीव विलुप्त हो गए थे, तब यह जीव अस्तित्व में था.
सांता मारिया में स्थित चट्टानी इलाके अपने प्रचुर टेट्रापॉड जीवाश्मों के लिए प्रसिद्ध हैं. यह क्षेत्र डायनासोर और उनके समान प्रजातियों के सबसे पुराने और सबसे संरक्षित संघों में से एक है, जिसमें लेगरपेटिडे और सोरोपोडोमोर्फ की नई प्रजातियां भी शामिल हैं. टेट्रापॉड प्रजातियों में चार अंगों वाले कशेरुक जैसे एम्फीबिअन्स, रेप्टाइल्स, पक्षी और मैमल्स शामिल हैं.