भोपाल। बदन पर जैकेट, सिर पर कैप और हर वक्त ग्रुप में सक्रियता बनाए रखने की अनिवार्यता प्रदेश के खादिम उल हुज्जाज के लिए की गई हैं। इन्हें हाजियों की शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही करने और हर दिन की गतिविधि की जानकारी हज कमेटी को देने की हिदायत दी गई है।
हज 2024 के लिए प्रदेश से करीब 7500 हाजी सऊदी अरब जाएंगे। हज सफर के दौरान हाजियों के मार्गदर्शन, आपात स्थिति में सहयोग और जरूरी सुविधाओं का ख्याल रखने के लिए इस बार प्रदेश से 26 खादिम उल हुज्जाज(वालेंटियर्स) भेजे जाएंगे। खादिमों की यह तादाद अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। गोरतलब है कि प्रदेश हज कमेटी हर साल हज व्यवस्थाओं के लिए खादिम उल हुज्जाज भेजे जाते हैं। 50 साल आयु सीमा वाले शासकीय कर्मचारियों को इसके लिए चुना जाता है। इस व्यवस्था पर हज कमेटी को अपने सालाना बजट से राशि खर्च करना होगी।
हाजियों को सौंपे जा रहे मोबाइल नंबर
प्रदेश से रवाना होने वाले हाजियों को अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ प्रदेश के खादिमों के मोबाइल नंबर भी मुहैया कराए जा रहे हैं। ताकि सफर के दौरान किसी जरूरत के लिए वे इन्हें आसानी से संपर्क कर सकें।
यह बनाई व्यवस्था
प्रदेश हज कमेटी ने व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रभारी बनाया है। इनमें फाजिल कैफ और मोहम्मद अबरार खान को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त 4 खादिमुल हुज्जाज को को-आडिनेटर नियुक्त किया गया है, जो प्रभारी समन्वय कर हज यात्रियों की समस्या का निराकरण एवं समय-समय पर संबंधित अधिकारियों द्वारा दिये गये निर्देशों/आदेशों का पालन कर समस्त कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
निर्देश यह भी दिए
खादिमुल हुज्जाज सऊदी अरब पहुंचने के बाद प्रत्येक को-आडिनेटर अपने साथ 5-5 खादिमुल हुज्जाज की टीम बनाकर प्रभारी के साथ समन्वय कर मिशन हज-2024 के कार्यों को पूर्ण करेंगे।
सभी खादिमुल हुज्जाज अपने-अपने कार्यों का पूर्ण रूप से पालन करेंगे, आवश्यक रूप से जैकेट के साथ कैप पहने रहेंगे एवं कार्यालय मध्य प्रदेश राज्य हज कमेटी, भोपाल द्वारा बनाए गए 24 घण्टे कॉल सेन्टर एवं WhatsApp Group “MPSHC KUH-2024” में लगातार अपडेट रहकर एवं कार्यालय मध्य प्रदेश राज्य हज कमेटी द्वारा ग्रुप में शिकायत अपलोड होने पर तत्काल शिकायत का निराकरण कर ग्रुप में अपडेट करेंगे। साथ में हज कमेटी ऑफ इण्डिया द्वारा हज सुविधा एप का भी पूर्ण रूप से पालन करेंगे।
इसलिए कसी जा रही नकेल
पूर्व में जारी व्यवस्था के दौरान अधिकांश खादिम उल हुज्जाज सऊदी अरब पहुंचने के बाद हाजियों के संपर्क से बाहर हो जाते हैं। ऐसे में जरूरत के समय हाजियों को इनसे मिलने वाला सहयोग और मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है। नतीजा यह है बड़ी राशि खर्च कर भेजे जाने वाले खादिमों से कोई आउटपुट नहीं मिल पाता है। हज के दौरान और हज से वापसी पर कई हाजी इस बारे में शिकायत कर चुके हैं।
इनका कहना है
खादिमों के भेजे जाने का मकसद पूरा हो। हाजियों को इनसे सुविधा और सहयोग मिले, इसी धारणा के साथ खादिम उल हुज्जाज को पाबंदियों में बांधा गया है। इसके बाद भी इन खादिमों की कोई मिलने पर इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी। साथ ही इनकी यात्रा पर हुए खर्च की भी वसूली की जाएगी।