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सोनभद्र में सरकारी अस्पताल में ‘रिश्वत’ का खेल! डिलीवरी के बाद प्रसूता को किया रेफर, घूस न देने पर बिगड़ी हालत!

सोनभद्र: सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को शर्मसार करने वाला एक और मामला विन्ढमगंज के सरकारी अस्पताल से सामने आया है. यहां अस्पताल स्टाफ पर एक प्रसूता के परिजनों से कथित तौर पर रिश्वत मांगने और मांग पूरी न होने पर लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगा है.

परिणामस्वरूप, महिला की डिलीवरी के बाद उसकी हालत नाजुक हो गई, जिसके बाद उसे आनन-फानन में दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया गया. परिजनों को सरकारी एम्बुलेंस भी नहीं मिली, जिससे उन्हें निजी वाहन का सहारा लेना पड़ा.

जानकारी के अनुसार, हरकक्षार निवासी सुनील कुमार पनिका सोमवार की सुबह करीब 5 बजे अपनी पत्नी को लेकर विन्ढमगंज सरकारी अस्पताल पहुंचे थे. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में तैनात स्टाफ ने उनसे 500 से 1000 रुपये की कथित तौर पर डिमांड की. जब प्रसूता के पति यह राशि नहीं दे पाए, तो आरोप है कि अस्पताल स्टाफ ने महिला की कोई जांच-पड़ताल नहीं की.

सुबह करीब 11 बजे सीधे डिलीवरी करा दी गई. डिलीवरी के बाद महिला की हालत नाजुक हो गई. महिला की हालत बिगड़ने पर, अस्पताल में तैनात डॉ. सत्येन्द्र प्रसाद और एनएम कुंती देवी ने बताया कि लड़का बच्चा हुआ है और तुरंत प्रसूता को रेफर कर दिया गया. सबसे बड़ी विडंबना यह रही कि रेफर करने के बाद परिजनों को सरकारी एंबुलेंस भी नहीं मिल पाई। मजबूरन, प्रसूता को निजी वाहन से दूध्धी सीएचसी अस्पताल ले जाया गया.

परिजनों और ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

प्रसूता की सास, उर्मिला देवी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सुबह 5 बजे उनकी बहू को अस्पताल में भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन पैसे न देने के कारण किसी तरह की जांच नहीं की गई. सीधा डिलीवरी करा दी गई, जिसके बाद डॉक्टर और नर्सों ने ‘दाई का खर्चा’ बताकर फिर से हजार-पाँच सौ रुपये मांगे और न देने पर जबरन रेफर कर दिया.

स्थानीय ग्रामीणों ने अस्पताल स्टाफ की इस कार्यप्रणाली की घोर निंदा की है. उनका कहना है कि डॉक्टर और नर्सें सरकार से वेतन लेने के बाद भी मरीजों से पैसों की डिमांड करके सरकारी योजनाओं पर बट्टा लगा रहे हैं और अपनी जेबें गर्म कर रहे हैं.

ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने और दोषी डॉक्टर एवं नर्सों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो.

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