जशपुर जिले के ग्राम पंचायत सुलेशा में सरपंच के विरुद्ध गंभीर आरोप लगे हैं, सरपंच कमलेश पैकरा के खिलाफ सचिव तथा वहां के पूर्व उपसरपंच/वर्तमान पंच ने जनपद पंचायत बगीचा समेत फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने की जांच के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बगीचा में आवेदन लगा कर जांच उपरांत दोषी पर कड़ी कार्यवाही की मांग किए हैं। इधर सरपंच ने भी ग्रामीणों के साथ कलेक्टर के पास जाकर सचिव के खिलाफ विभिन्न बिंदुओं पर लिखित शिकायत दिए हैं।
ग्राम पंचायत सुलेशा के सचिव व्यासमुनि यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि सुलेशा निवासी जयश्री नागेश के द्वारा ऑफलाइन जन्म प्रमाण पत्र को ऑनलाइन कराने हेतु मुझे आवेदन दिया था लेकिन उस जन्म प्रमाण पत्र में आवेदन क्रमांक (पंजीयन संख्या) नहीं था पंजीयन संख्या अंकित होने की जगह पर जन्मतिथि अंकित है , पंजीयन संख्या दर्ज नहीं होने पर ऑनलाइन करने हेतु ग्राम पंचायत में मौजूद जन्म प्रमाण पंजीयन रजिस्टर का अवलोकन किया गया जिसमें उक्त व्यक्ति के पुत्री (अनुपा नागेश) के संबंध में कोई जानकारी उल्लेखित नहीं है , जन्म प्रमाण पत्र में जारी दिनांक 14/8/2018 है और जारी दिनांक 15/8/2018 प्रमाण पत्र में अंकित है, चूंकि 2018 में सुलेशा में मनरखन राम सचिव के पद पर पदस्थ थे , उन्हें पत्र जारी कर उनसे जारी प्रमाण पत्र के संबंध में जवाब मांगा गया, मनरखन राम वर्तमान सचिव ग्राम पंचायत चंपा ने जारी पत्र का स्पष्टीकरण करते हुए बताया कि मेरे पास इसकी कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है, जारी प्रमाण पत्र में किया हुआ दस्तखत व हैंडराइटिंग भी मेरा नहीं है , मैं बिना पंजीयन क्रमांक के कोई भी बर्थ सर्टिफिकेट जारी नहीं किया हूं , इसलिए ये जन्म प्रमाण पत्र फर्जी है ।
इधर आवेदक (पुत्री के पिता) जयश्री ने 31/7/2025 को ग्राम पंचायत सचिव व्यासमुनि यादव को लिखित में आवेदन देते हुए बताया कि मुझे दो माह पूर्व वर्तमान सरपंच कमलेश पैकरा के द्वारा यह प्रमाण पत्र बनाकर दिया गया है । जयश्री नागेश ने आगे बताया कि जारी प्रमाण पत्र में पंजीयन संख्या नहीं होने की स्तिथि में ऑनलाइन करने में समस्या हो रही है, जिस वजह से मुझे मेरी बच्ची के विद्यालय में जन्म प्रमाण पत्र की मांग की जा रही है, मैं इस विषय को लेकर मानसिक रूप से प्रताड़ित हूं , मुझे जल्द से जल्द जन्म प्रमाण पत्र बनाकर दिया जाए ।
सचिव व्यासमुनि यादव ने फर्जी जारी प्रमाण पत्र की जानकारी लिखित जनपद पंचायत बगीचा में दिया गया है, लेकिन अभी तक इसकी जांच आधिकारिक तौर पर नहीं हुई है । अब ये जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा ।
मामले में पूर्व उपसरपंच वर्तमान पंच वार्ड क्रमांक 02 ग्राम पंचायत सुलेशा टंकेश्वर प्रसाद राजवाड़े ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्यवाही करते हुए बर्खास्तगी की मांग की है, उन्होंने बताया कि फर्जी प्रमाण पत्र की जानकारी मुझे मिली है , और इस संबंध में मैं उच्चस्तरीय जांच के लिए अनुविभागीय कोर्ट में आवेदन लगाया हूं, ताकि जांच में स्पष्ट हो और दोषियों पर कार्यवाही हो सके । उन्होंने आगे कहा कि रजिस्ट्रार की सील तथा दस्तखत भी फर्जी किया गया है और ग्राम पंचायत के मुखिया सरपंच जिसे ग्राम प्रधान भी कहा जाता है जिसे जनता बड़े ही विश्वास के साथ उच्च पद पर बैठाते हैं जब वही विश्वासघात करने लगे तो ग्राम पंचायत से जनता का भरोसा उठ जाएगा, इस प्रकार का ग्राम पंचायत में पहला मामला सार्वजनिक हुआ है जांच के बाद और भी कई मामले सामने आ सकते हैं, ग्राम पंचायत में इस प्रकार का कार्य नहीं होना चाहिए और जांच में स्पष्ट होता है तो ये सरपंच करने के योग्य नहीं है इन्हें तत्काल प्रशासन को कार्यवाही करते हुए सरपंच पद से बर्खास्त कर देना चाहिए ।
ग्राम पंचायत सुलेशा सचिव व्यासमुनि यादव के मामले में हुए शिकायत के संबंध में पूर्व उपसरपंच टंकेश्वर प्रसाद राजवाड़े ने बताया कि कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है, 3 बोर खनन का पैसा ग्राम पंचायत को प्राप्त हुआ था जिसमें दो खनन हुआ है, दो का राशि भी पूरा नहीं कुछ प्रतिशत आहरण हुआ है, और गड़बड़ी किए भी होंगे तो सरपंच/सचिव दोनों किए हैं , क्योंकि एक से राशि आहरण हो ही नहीं सकता ।
बोर खनन मामले में सचिव व्यासमुनि यादव ने बताया कि दो बोर खनन हुआ है, जिसमें दो खनन का कुछ राशि आहरण हुआ है, एक बोर की राशि सुरक्षित पंचायत के पास उपलब्ध है कोई भी गड़बड़ी नहीं की गई है।
इस संबंध में टीम ने सरपंच कमलेश पैकरा से भी संपर्क की उन्होंने बताया कि मैं सचिव को DSC दिया था मूर्मीकरण का राशि निकालने के लिए वो बिना पंचायत प्रस्ताव के बोरिंग का भुगतान कर दिया , भीतवाही नामक जगह में बोर खनन नहीं हुआ है पेमेंट वहां के नाम से भी दिख रहा है । और कोई मामला नहीं है , जन्म प्रमाण पत्र के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है, हम लोग ग्रामीणों के साथ कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर जांच कर सचिव के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग किए हैं । कार्यवाही नहीं होने की स्तिथि में सरपंच कमलेश पैकरा ने आंदोलन की चेतावनी दी है ।
सचिव ने भीतवाही नामक जगह के बारे में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि भीतवाही में बोर खनन नहीं हुआ है और वहां के नाम से कुछ पैसा भी आहरण हुआ है, लेकिन ये गलती जनपद ऑपरेटर से हुई है, जो बाजार डांड के जगह पर भीतवाही का नाम पेमेंट में डाल दिया, लेकिन पंचायत के खाते में एक बोर खनन से अधीक राशि उपलब्ध है, आहरण के संबंध में कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है, गलती सिर्फ कार्यस्थल के नाम पर हुई है ।