जबलपुर : रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर चार पर शनिवार को एक अनोखी और भावुक कर देने वाली घटना सामने आई। बेंगलुरु से दानापुर जा रही संगमित्रा एक्सप्रेस से सफर कर रही गर्भवती महिला मीना कुमारी को अचानक तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. अटेंडर की सूचना पर ड्यूटी पर तैनात दर्शन कौरव ने तत्काल डॉक्टर और 108 एम्बुलेंस को बुलवाया.
डॉ. अमरनाथ, महिला उपनिरीक्षक संजीवनी राजपूत और अन्य महिला यात्रियों की मदद से महिला को प्लेटफॉर्म पर ही सुरक्षित प्रसव कराया गया. थोड़ी ही देर में महिला ने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया. स्टेशन पर किलकारी गूंजते ही माहौल भावुक हो उठा और यात्रियों ने तालियों से नवजात का स्वागत किया. प्रसव के बाद माँ और बच्चे को एम्बुलेंस से रानी दुर्गावती अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ दोनों की हालत स्थिर बताई गई है.
बेंगलुरु से दानापुर जा रही संगमित्रा एक्सप्रेस गाड़ी संख्या 12295 प्लेटफॉर्म नंबर चार पर पहुँची, तब रेलवे स्टेशन पर एक अद्वितीय और भावुक करने वाली घटना घटी. ट्रेन के पहुँचते ही एक अटेंडर द्वारा सूचना दी गई कि एक महिला यात्री के पेट में असहनीय दर्द हो रहा है. इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए ड्यूटी पर तैनात दर्शन कौरव ने तुरंत चिकित्सा सहायता हेतु डॉक्टर को बुलवाया और 108 एम्बुलेंस की सेवा को स्टेशन पर बुलाने के लिए भी सूचित किया.
कुछ ही देर में डॉ. अमरनाथ रेलवे पुलिस और अन्य महिला यात्रियों की सहायता से मौके पर पहुँचे.साथ ही जीआरपी उपनिरीक्षक संजीवनी राजपूत भी स्थिति को संभालने के लिए उपस्थित रहीं.महिला यात्री को ट्रेन से सावधानीपूर्वक नीचे उतारा गया और प्लेटफॉर्म पर एक सुरक्षित स्थान पर लिटाया गया. उसी दौरान महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जिससे स्थिति और भी संवेदनशील हो गई.
हालांकि रेलवे प्लेटफॉर्म किसी अस्पताल जैसा स्थान नहीं है, फिर भी डॉक्टर, पुलिस स्टाफ़ और वहां मौजूद अन्य महिलाओं ने मिलकर अद्भुत संयम, साहस और करुणा का परिचय देते हुए महिला का सुरक्षित प्रसव कराया. थोड़ी ही देर में महिला ने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया.यह दृश्य न केवल हैरान करने वाला था, बल्कि भावुक भी कर देने वाला था जहाँ एक ओर ट्रेन की गड़गड़ाहट थी, वहीं दूसरी ओर एक नए जीवन की कोमल किलकारी सुनाई दे रही थी.
प्रसव के बाद महिला और नवजात को एम्बुलेंस की सहायता से तुरंत रानी दुर्गावती अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने दोनों की स्थिति को स्थिर बताया.बाद में जीआरपी थाना प्रभारी बलराम यादव ने घटना की जानकारी साझा करते हुए बताया कि महिला मीना कुमारी, बिहार के मोतिहारी जिले की निवासी है और वह बेंगलुरु से दानापुर की यात्रा कर रही थी.ट्रेन यात्रा के दौरान ही अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी.
इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल रेलवे प्रशासन की तत्परता को दर्शाया, बल्कि यह भी साबित किया कि जब मानवीयता और कर्तव्य की भावना साथ आती है, तो किसी भी कठिन परिस्थिति को संभाला जा सकता है.डॉक्टर, रेलवे स्टाफ, पुलिस और सहयात्री महिलाओं ने मिलकर जिस तरह से एक जीवन को जन्म लेने में सहायता की, वह निश्चित रूप से सराहनीय है.रेलवे प्लेटफॉर्म पर जन्मी यह संतान अब न केवल एक परिवार के लिए खुशियों की सौगात है, बल्कि यह घटना समाज के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी है कि संकट की घड़ी में मानवता सबसे बड़ा धर्म होती है.