गोंडा : मसकनवा विद्युत उपकेंद्र की जमीन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है.उपकेंद्र के अवर अभियंता (जेई) विकास कुमार सिंह ने दो भाजपा नेताओं समेत 7 लोगों के खिलाफ फर्जीवाड़े का गंभीर आरोप लगाते हुए छपिया थाने में तहरीर दी है.उनका कहना है कि सरकारी उपकेंद्र की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए निजी नामों पर दर्ज कराकर बैनामा कराया गया है.
जेई विकास कुमार सिंह के मुताबिक, यह उपकेंद्र पिछले 45 वर्षों से स्थापित है और यहीं से मसकनवा समेत आस-पास के लाखों उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति होती है.उन्होंने बताया कि बस्ती निवासी दिनेश चंद्र उर्फ दिनेश कुमार शुक्ला, सौरभ शुक्ला, विकास शुक्ला और मनीष शुक्ला ने कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से जमीन को अपने नाम कराया और फिर यह जमीन पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष पीयूष मिश्रा, भाजपा नेता अनिरुद्ध कुमार मिश्रा तथा विशाल मार्ट के मालिक विशाल कुमार गुप्ता को बैनामा कर दी.
जेई का आरोप: “विद्युत विभाग की जमीन पर किया गया फर्जी बैनामा”
जेई ने कहा कि उपकेंद्र की यह जमीन पूरी तरह से विद्युत विभाग के कब्जे में है, जहां उपकेंद्र व कर्मचारियों के आवास बने हुए हैं.उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आरोपित लोग जमीन पर कब्जा करने में सफल हुए, तो मसकनवा क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिससे लाखों उपभोक्ताओं को दिक्कत और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का खतरा रहेगा.
उन्होंने कूटरचित दस्तावेजों की जांच कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। छपिया पुलिस ने जेई की तहरीर पर जांच शुरू कर दी है.
भाजपा नेताओं का पलटवार: “जमीन वैध रूप से खरीदी, आरोप फर्जी”
वहीं, आरोपित भाजपा नेताओं ने जेई के आरोपों को “निराधार और राजनीतिक प्रेरित” बताया है.उनका कहना है कि उन्होंने जमीन असली मालिक से वैध तरीके से खरीदी है। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि बिजली विभाग के पास स्वामित्व से जुड़े कोई वैध कागजात नहीं हैं, और वे इस मामले में कानूनी कार्रवाई से जवाब देंगे.
छपिया थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है, और दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.