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भोपाल में घूमता दिखा 6 माह से फरार डॉक्टर, बच्चे के इलाज के नाम पर आयुष्मान से निकाले 3.35 लाख

भोपाल के फतेहगढ़ में स्थित मैक्स केयर चिल्ड्रन हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर अल्ताफ मसूद के खिलाफ पिछले साल 24 नवंबर को कूट रचित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने की एफआईआर तलैया थाने में दर्ज हुई थी। उन पर आयुष्मान योजना के तहत मासूम के इलाज के नाम पर 3.35 लाख रुपए की रकम फर्जी तरीके से निकालने के आरोप हैं।

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जिस बच्चे के नाम पर रकम ली गई थी, बाद में उसकी भी मौत हो गई थी। 6 महीने से पुलिस उनकी तलाश के दावे कर रही है। वहीं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले युवक ने एक वीडियो वायरल किया है। इसमें दावा किया जा रहा है कि पुलिस रिकार्ड में फरार डॉक्टर खुलेआम घूम रहा है। हर रोज अपने अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहा है। इस वीडियो में डॉक्टर अस्पताल के 2 मार्च 2024 को डॉक्टर हॉस्पिटल में जाता हुआ दिखाई दिया है। इस तारीख तक आरोपी पर केस दर्ज हुए करीब तीन महीने बीत चुके थे।

पिता का आरोप- फरारी में प्रैक्टिस कर रहा डॉक्टर

केस के फरियादी खालिद अली ने बताया कि 24 नवंबर 2023 को डॉक्टर अल्ताफ मासूद पर धोखाधड़ी, कूट रचित दस्तावेज तैयार कर सरकारी योजना का लाभ लेने की धाराओं में FIR दर्ज की गई थी। 6 महीने बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है।

खालिद का दावा है कि हाल ही में उन्होंने अल्ताफ मसूद का एक वीडियो फुटेज पुलिस को दिया है। यह फुटेज 2 मार्च 2024 का है। लगातार डॉक्टर अस्पताल में प्रैक्टिस कर रहा है। इसके बाद भी पुलिस उसकी गिरफ्तारी नहीं कर रही है।

इस डॉक्टर के कारण मेरा बेटा इस दुनिया में नहीं रहा। मैं आरोपी डॉक्टर को सलाखों के पीछे पहुंचाने तक लड़ाई लड़ता रहूंगा। मैने पुलिस को फरारी के दौरान डॉक्टर को अस्पताल में आते और जाते समय के कई वीडियो सहित प्रमाण दिए हैं। इसके बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं की जा रही है।

तीन महीने तक चला था इलाज

टीला जमालपुरा की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले खालिद अली पुत्र जाकिर अली (26) ने अपने तीन महीने के बेटे को इलाज के लिए जनवरी 2021 में फतेहगढ़ स्थित मैक्स चिल्ड्रन अस्पताल में भर्ती कराया था। खालिद अली के पास आयुष्मान कार्ड था इसलिए उन्होंने अस्पताल में बताया कि इस कार्ड से ही इलाज कीजिए।

इस पर अस्पताल की ओर से कहा है कि अभी हमारा अस्पताल से आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज नहीं हो रहा है। यह कहने के बाद भी उन्होंने खालिद अली से आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज आयुष्मान कार्ड की जानकारी जमा करवाने को कहा। खालिद ने वह दस्तावेज जमा करवा दिए। अस्पताल में इलाज के बाद उन्होंने 37 हजार रुपए का पेमेंट करवा दिया। यह वो अमाउंट है जिसके बिल अस्पताल की ओर से दिए गए। फरियादी का कहना है कि लाखों रुपए के उपचार और दवाओं के बिल नहीं दिए गए थे।

ऐसे हुआ खुलासा

कुछ दिन बाद खालिद को आयुष्मान योजना की ओर से वैरिफिकेशन के लिए कॉल आया। उनसे पूछा गया कि बच्चे का इलाज चल रहा है कि नहीं। तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। इस बात की जानकारी उन्होंने कॉल करने वाले को दी। दूसरी ओर से पूछा गया कि हॉस्पिटल वालों ने आपसे पैसा लिया या नहीं। इस पर उन्होंने पूरा बिल देने की बात कही। तब बताया गया कि अस्पताल की ओर से आयुष्मान कार्ड के खाते से भी पैसे निकाले गए हैं।

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