बिहार के पूर्णिया जिले में एक दोस्त ने अपने एक दोस्त की बेरहमी से हत्या कर दी. हत्या के पीछे की जो वजह थी, उसे जानकर सभी हैरान रह गए. शहर के सदर थाना क्षेत्र के गुंडा चौक के पास झाड़ी में एक शव मिला था. मृतक की बाइक भी लावारिस हालत में बरामद हुई थी. मृतक की पहचान श्रीनगर थाना क्षेत्र के डायरिया निवासी गजेंद्र चौधरी के रूप में हुई. वहीं मृतक के सबंध में जानकारी ली गई तो पता चला कि यहीं पास में ही उसका दोस्त रहता है. पुलिस ने जब उसके दोस्त नीतीश कुमार से पूछताछ की तो पहले उसने पुलिस को बरगलाया, फिर अपना जुर्म कबूल कर लिया.
गजेंद्र की हत्या करने वाले नीतीश ने बताया कि वह गुंडा चौक स्थित एक गोदाम में काम करता है और यहीं रहता है. गजेंद्र अक्सर काम करने के लिए गुलाबबाग आता था और देर शाम तक उसके साथ शराब पार्टी करता था. एक दिन उसे ज्यादा शराब पिलाकर उसके साथ गंदा काम किया. सुबह उसे गलत का अहसास हुआ तो गजेंद्र ने गलत काम के लिए माफी मांग ली, लेकिन उसके बाद गजेंद्र अक्सर उसके पास आने लगा और शराब पिलाकर उसके साथ गंदा काम करना निरंतर चालू कर दिया.
गंदी हरकत करने पर की हत्या
आरोपी नीतीश ने बताया कि घटना के दिन भी गजेंद्र शराब के नशे में धुत होकर उसके पास पहुंचा था. उस समय गोदाम में वह अकेला था और खाना खा रहा था, लेकिन गजेंद्र आते ही उसके साथ गलत हरकत करने लगा, जिसके बाद पास रखी ईंट उसने गजेंद्र के मुंह पर मारी. गजेंद्र के गिरते ही पास रखे कुदाल के डंडे से नीतीश लगातार गजेंद्र के मुंह और सिर पर मारता रहा, जब तक वह मर नहीं गया. गजेंद्र की मौत होने के बाद शव को उठाकर गोदाम के दीवार के दूसरी तरफ झाड़ी में फेंक दिया. नीतीश ने बताया कि दूसरे दिन अंधेरा हो जाने के बाद शव को कही दूर फेंकने की प्लानिंग थी, लेकिन सुबह शौच के लिए गए लोगों की नजर शव पर पड़ गई.
घटना के सबंध में सदर एसडीपीओ वन पंकज कुमार ने बताया कि अभियुक्त नीतीश कुमार ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. अभियुक्त के द्वारा छिपाई गई हत्या में प्रयुक्त ईंट और खून लगा डंडा भी बरामद कर लिया गया है. आरोपी द्वारा घटना की मूल वजह मृतक द्वारा बार-बार अनैतिक काम करना बताया जा रहा है. मृतक की पत्नी रेखा देवी के बयान पर थाने में मामला दर्ज करते हुए अभियुक्त को जेल भेज दिया है. वहीं अभियुक्त नीतीश ने बताया कि वह गजेंद्र को कभी नहीं मारता, लेकिन गजेंद्र शराब के नशे में दरिंदा बन गया था, जिसे सिर्फ गलत काम ही दिमाग में आता था. मुझे अब कोई अफसोस नहीं है.