अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्थित उदयपुर रामगढ़ पहाड़ी पर एक दर्दनाक हादसा सामने आया है. जहां 11 साल की एक बच्ची पहाड़ी से लगभग 150 फीट नीचे गिर गई. बच्ची डुमरिया, सूरजपुर की रहने वाली है, और अपने परिजनों के साथ रामगढ़ दर्शन के लिए आई थी, इसी बीच अचानक बंदरों ने बच्ची को दौड़ाया जिसके कारण बच्ची गहरी खाई में गिर गई. वहीं, रामगढ़ पहाड़ी पर इससे पहले भी बंदरों के हमले से हालही में एक बच्चा पहाड़ियों से गिर गया था.
दरअसल, सरगुजा के रामगढ़ में अक्सर लोग भगवान राम और माता सीता के वनवास काल के दौरान बिताए गए स्थल रामगढ़ दर्शन करने पहुंचते हैं, जो पहाड़ियों पर बना है. भगवान राम के मंदिर के साथ ही यही पर राम के तापस वेश के कारण जोगीमारा, सीता के नाम पर सीता बेंगरा और लक्ष्मण के नाम पर लक्ष्मण गुफा भी स्थित है. यही वजह है कि लोग श्रद्धा भाव और दर्शन करने यहां आते हैं.
बंदरों के डर से खाई में गिरीपहाड़ियों पर बने भगवान राम के मंदिर जहां पर गहरी खाई है लेकिन आज तक सीढ़ियों पर रेलिंग नहीं लगाई गई है यही वजह है कि आए दिन यहां बच्चे खाई में गिर रहे हैं. वहीं, आज एक बच्ची अपने परिवार के साथ रामगढ़ दर्शन करने पहुंची थी और दर्शन करने के दौरान बंदरों ने दौड़ाया तो बच्ची पहाड़ियों से सीधे 150 फीट खाई में जा गिरी, बच्ची के खाई में गिरने के बाद मौके पर हड़कंप मचा गया और बड़ी संख्या में लोग मौके पर मौजूद है. राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है. इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है.
क्यों महत्वपूर्ण है ये जगह?हादसे की सूचना मिलते ही रामगढ़ सेवा समिति, पुलिस प्रशासन और SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष) अंबिकापुर की टीमें मौके पर पहुंच गईं. रेस्क्यू टीम बच्ची तक पहुंच चुकी है. वहीं, घायल बच्ची को इलाज के लिए नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर ले जाया गया है. गंभीर हालत होने पर अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया जाएगा. वैसे रामगढ़ एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जहां प्रत्येक साल मेले का आयोजन होता है और रामनवमी के दिन रामगढ़ में छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों से लोग दर्शन करने पहुंचते हैं. रामगढ़ में महाकवि कालिदास ने मेघदूत की रचना कि थी, जो आज भी उक्त स्थल गवाही देता हुआ नजर आ रहा है, ऐसे में रामगढ़ सरगुजा के ऐतिहासिक धरोहरों में से एक प्रमुख धरोहर है, उदयपुर के पहाड़ियों पर स्थित है.