Bihar: सुपौल के सरकारी प्रधान पर फिर गाज गिरने वाली है. इसको लेकर विभाग ने तुरंत जवाब मांगा है और जवाब नहीं देने पर विभागीय कार्रवाई हो सकती है. दरअसल शिफ्टिंग किए जाने के बाद भी पुराने जगह पर ही विद्यालय को संचालित करना एक प्रभारी प्रधानाध्यापक को महंगा पड़ा है. मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने उक्त विद्यालय के प्रभारी से स्पष्टीकरण की मांग की है.
मामला सदर प्रखंड स्थित उर्दू प्राथमिक विद्यालय धुसकौल की है. भवन नहीं रहने के कारण डीपीओ एसएसए ने 2023 में ही इस विद्यालय को मध्य विद्यालय मुंगरार मे शिफ्ट कर दिया था. शिफ्टिंग आदेश के बाद इस विद्यालय के दो शिक्षक नये जगह पर चले गए, परंतु विद्यालय प्रधान विद्यालय का संचालन पुराने जगह पर ही करते रहे. डीपीओ स्थापना ने प्रधान के इस व्यवहार को स्वेच्छा चरिता, विभागीय आदेश का अवहेलना एवं हठधर्मिता का परिचायक बताते हुए तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण का जबाब देने को कहा है. अब सवाल उठता है कि विभाग ने जिस विद्यालय को 2023 में ही अन्य विद्यालय में शिफ्ट कर दिया था आखिर अब तक पुराने जगह पर यह विद्यालय कैसे संचालित होते रहा.
क्या इस दौरान किसी अधिकारियों ने इस बात की खबर नहीं ली कि यहां विभागीय आदेश का अवहेलना हो रहा है या फिर जान बुझ कर अब तक विभाग अंजान बने हुए थे. यह तो गनीमत था कि इसी विद्यालय के एक शिक्षक ने विभाग को आवेदन देकर सच्चाई बताई. तब जाकर विभाग ने यह कार्यवाही की है. वैसे भी यह इकलौता विद्यालय नहीं है जो विभागीय आदेश को ठेंगा दिखा रहा है. जिले में कई ऐसे विद्यालय हैं जो विभागीय फाइलों में शिफ्टिंग है परंतु संचालित अपने पुराने जगहों पर ही हो रहे हैं.