मुस्लिम युवती से शादी करने पर हिंदू युवक का अपहरण, धर्मांतरण का दबाव बनाया गया

ललितपुर की एक मुस्लिम युवती हाजरा बी (निशा) ने छह महीने पहले हिंदू युवक सरवन विश्वकर्मा से भागकर शादी की। इसके बाद युवती के स्वजनों ने दंपति को कोलार क्षेत्र में अगवा कर लिया और सरवन पर धर्मांतरण का दबाव डालने का प्रयास किया।

पुलिस के अनुसार, 27 वर्षीय सरवन मूल रूप से विदिशा जिले के रामपुरा गांव का रहने वाला है। उनके भाई की ससुराल ललितपुर जिले के जाखलोन क्षेत्र में है। इसी दौरान सरवन का परिचय पड़ोस की मुस्लिम युवती हाजरा बी से हुआ। दोनों के बीच छह महीने पहले प्रेम प्रसंग चला और उन्होंने छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के एक आर्यसमाज मंदिर में भागकर शादी की।

भोपाल में रह रहे थे

शादी के बाद दोनों भोपाल के कोलार क्षेत्र में रह रहे थे। युवती के स्वजनों ने लगातार उनकी तलाश की। 13 सितंबर को रात लगभग आठ बजे सरवन जब काम से लौट रहा था, तब हाजरा के पिता कलामुद्दीन, ताऊ गफूर और उनके साथियों अजहरूद्दीन व रहमान ने उसे अगवा कर लिया। आरोपितों ने सरवन से मारपीट की और उस पर धर्मांतरण का दबाव डालने की कोशिश की।

इसके बाद आरोपी सरवन को लेकर युवती हाजरा को भी अलग-अलग कारों में छतरपुर ले जाने की योजना बना रहे थे। रास्ते में मौका देखकर सरवन भाग निकला और विदिशा स्थित अपने घर पहुंच गया। अगले दिन उसने हिंदू संगठन के लोगों को जानकारी दी और उनके सहयोग से पुलिस तक मामला पहुंचा। इसके बाद युवती को उत्तर प्रदेश के ललितपुर से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।

शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं

पीड़ित का कहना है कि कोलार थाने में तीन दिन तक शिकायत दर्ज कराने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। थाने के प्रभारी संजय सोनी ने पुष्टि की कि शिकायत मिलने के बाद केस दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू कर दी गई है।

यह घटना धार्मिक तनाव और इंटर-फेथ विवाह के नाम पर उत्पन्न सामाजिक दबाव को उजागर करती है। यह मामला यह भी दिखाता है कि परिवारों द्वारा जबरन धर्मांतरण और अपहरण जैसे अपराध आम तौर पर किस तरह के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक दबाव पैदा कर सकते हैं। सरवन और हाजरा बी की शादी और उनके सुरक्षित रेस्क्यू ने एक बार फिर इंटर-फेथ विवाह में सुरक्षा और सामाजिक स्वीकृति के मुद्दे को भी उजागर किया है।

 

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