गोंडा में बिना लाइसेंस चल रहा अस्पताल का हुआ उजागर, दो नवजातों की मौत

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अस्पतालों की मनमानी ने दो मासूम नवजातों की जान ले ली। गुरुवार को कुछ घंटों के अंतराल में दो बच्चों की मौत होने पर परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया. सूचना पर पहुंचे डिप्टी सीएमओ डॉ. जे.एम. चिश्ती ने पुलिस बल के साथ मिलकर बहराइच रोड स्थित निजी अस्पताल का एनआईसीयू सील कर दिया.

परिजनों का आरोप है कि अस्पताल बिना लाइसेंस और बिना योग्य डॉक्टर के संचालित हो रहा था। यहां नर्सिंग स्टाफ द्वारा सादे कागज पर 54,482 रुपये का बिल थमाया गया। नवजात की मौत के बाद अस्पताल संचालक और चिकित्सक मौके से फरार हो गए.

पहला मामला
बड़गांव सतईपुरवा निवासी मोहित कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी मनीषा ने जिला महिला अस्पताल में बेटे को जन्म दिया था। बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे उक्त निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार दोपहर उसकी मौत हो गई.

दूसरा मामला
कटरा बाजार के विनय सिंह ने भी तहरीर देकर बताया कि उनकी पत्नी किरन सिंह ने 10 सितंबर को सीएचसी में बेटे को जन्म दिया। गंभीर हालत में उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शाम पांच बजे बच्चे की मौत हो गई.

मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस और स्वास्थ्य विभाग हरकत में आए, लेकिन सीएमओ कार्यालय एफआईआर दर्ज कराने से पीछे हट गया। सीएमओ डॉ. रश्मि वर्मा ने माना कि अस्पताल बिना पंजीकरण के संचालित हो रहा था और इसकी गहन जांच कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

गली-गली खुले ऐसे अवैध अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत ने एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं कि मासूमों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ आखिर कब तक होता रहेगा?

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