कटघोरा के राजा के स्वागत में उमड़ा जनसैलाब, चारों ओर गूँजा ‘जय देव जय देव’

कोरबा : कटघोरा प्रदेश में गणेश उत्सव की भव्य धूम के बीच कोरबा जिले के कटघोरा में ‘कटघोरा के राजा’ के आगमन की भव्य और ऐतिहासिक स्वागत किया गया.20 अगस्त को आयोजित ‘कटघोरा के राजा’ के स्वागत यात्रा ने पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल बना दिया.

 

 

शोभायात्रा में हुआ विशाल ‘कटघोरा के राजा’ का स्वागत

शुभ यात्रा की शुरुआत कासनिया से हुई और यह मुख्य मार्ग से गुजरते हुए नगर में प्रवेश किया। इस शोभायात्रा का केंद्र बिंदु 21 फीट ऊंची राजा की विशाल प्रतिमा रही, जिसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटी.नगर में इस भव्य आगमन का स्वागत रंग-बिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ किया गया.

 

सांस्कृतिक झांकियों और आतिशबाजी ने बढ़ाया उत्सव का रंग

शोभायात्रा में हनुमान जी की झांकी, शंखनाथ गोंदिया से आए प्रसिद्ध भवानी ढोल पाठक, और दुर्गा के गौरी कृपा के कार्यक्रमों ने उत्सव को चार चांद लगा दिए.मुंबई से आए पुष्पा की प्रस्तुति को देखने के लिए भारी संख्या में जनसैलाब उमड़ा। कटघोरा के शहीद वीरनारायण चौक पर भव्य स्वागत मंच एवं आयोजकों द्वारा रंगोली और स्केटिंग जैसे आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए.

आसपास के जिलों से पहुंचे श्रद्धालु

इस कार्यक्रम में कोरबा सहित आसपास के अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग उत्सव देखने पहुंचे.आगमन के बाद आतिशबाजी की गई, जिसने पूरे नगर को जगमगा दिया.

जय देवा गणेश उत्सव समिति’ ने बढ़ाई आयोजन की भव्यता

पिछले वर्षों की बात करें तो समिति ने अयोध्या के श्रीराम मंदिर की भव्य झांकी तैयार कर पूरे छत्तीसगढ़ में सुर्खियाँ बटोरी थीं.वहीं, बीते वर्ष वृंदावन के प्रेम मंदिर का अद्भुत स्वरूप तैयार किया गया, जिसने लोगों के हृदय में गहरी छाप छोड़ी.श्रद्धालुओं ने उस पंडाल को देखकर स्वयं को मानो वृंदावन धाम में अनुभव किया.

इस वर्ष भी समिति कुछ ऐसा विशेष तैयार करने में जुटी हुई है, जो नगरवासियों को नई भक्ति अनुभूति और भव्यता का एहसास कराएगा। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जयदेवा गणेशोत्सव समिति द्वारा किए जाने वाले इन प्रयासों ने कटघोरा को धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों का प्रमुख केंद्र बना दिया है.समिति द्वारा हर वर्ष नए और आकर्षक पंडालों का आयोजन किया जाता है.

इस वर्ष समिति ने केरल के तिरुअनन्तपुरम स्थित भगवान विष्णु के प्रसिद्ध पद्मनाभस्वामी मंदिर का आकर्षक स्वरूप पंडाल में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है.111 फुट ऊँचा यह पंडाल न केवल नगरवासियों बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए आस्था और आकर्षण का केंद्र बनेगा.पंडाल निर्माण का कार्य कलकत्ता से आए निपुण कारीगरों द्वारा युद्धस्तर पर किया जा रहा है, ताकि गणेशोत्सव के प्रारंभ तक इसे पूरी भव्यता के साथ तैयार किया जा सके.जिसने श्रद्धालुओं की संख्या दोगुनी कर दी है.

छत्तीसगढ़ की राधे आर्ट गैलरी ने बनाई विशाल प्रतिमा

21 फीट ऊंची इस भव्य प्रतिमा का निर्माण छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के थाना स्थित प्रसिद्ध राधे आर्ट गैलरी द्वारा किया गया है. इस प्रतिमा के नगर आगमन पर स्थानीय लोग अत्यंत खुश नजर आए और उत्साह के साथ इस त्योहार को मनाया.

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