महज 12 हजार के कर्ज ने ली जान, वसूली एजेंट ने बनाई मॉर्फ तस्वीर, टीचर ने समुद्र में लगा दी छलांग..

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में 50 साल के एक स्कूल टीचर ने कर्ज के दबाव और वसूली एजेंटों की धमकियों से परेशान होकर अटल सेतु से कूदकर आत्महत्या कर ली. यह हादसा शुक्रवार सुबह हुआ जहां उन्होंने देश के सबसे लंबे समुद्री पुल से नीचे छलांग लगा दी.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक परिवार ने बताया कि शिक्षक ने पिछले महीने एक इंस्टेंट लोन ऐप के जरिए कर्ज लिया था, जिससे वह पुराना कर्ज चुकाना चाहते थे, लेकिन समय पर राशि न चुका पाने के कारण 12,000 की बकाया रकम उन पर भारी पड़ गई.

परिजनों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से वसूली एजेंट उन्हें लगातार कॉल कर धमका रहे थे, उन्हें सार्वजनिक रूप से बदनाम करने की धमकी दी गई, जिससे वह मानसिक रूप से बेहद तनाव में आ गए थे. आरोप है कि लोन वसूली करने वालों ने शिक्षक की मॉर्फ की गई तस्वीरें उनके परिचितों और व्हाट्सएप ग्रुपों में भेज दीं, जिससे वह और भी टूट गए.

डिजिटल लोन ऐप्स की वजह से गई जान

पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार को शिक्षक अपनी कार से अटल सेतु पहुंचे और वाहन से उतरकर पुल से कूद गए. जब CCTV फुटेज में यह घटना कैद हुई, तो पुलिस ने तुरंत तलाशी अभियान शुरू किया. शनिवार को उनका शव न्हावा क्रीक के पास मिला, जो उस स्थान से करीब 12 किलोमीटर दूर था, जहां से उन्होंने छलांग लगाई थी.

पुलिस ने शुरू की जांच

डिजिटल लोन ऐप्स के जरिए कर्ज मिलना जितना आसान हो गया है, उतना ही खतरनाक भी है क्योंकि समय पर भुगतान न करने पर वसूली एजेंट कई बार अवैध और अनैतिक तरीके अपनाने लगते हैं. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाया जा रहा है कि किन वसूली एजेंटों ने शिक्षक को धमकाया और उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया. शिक्षक की आत्महत्या ने डिजिटल लोन कंपनियों की मनमानी और साइबर उत्पीड़न को लेकर नई बहस छेड़ दी है.

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