कोरबा : कटघोरा तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत राल के आश्रित गांव बसंतपुर में एक बड़ा भूमि घोटाला सामने आया है.आरोप है कि करीब 60 एकड़ शासकीय और वन भूमि, जो कि खेल मैदान और चरागाह के लिए आरक्षित थी, को अवैध तरीके से कब्जाने और फर्जी पट्टे बनाकर बेचने की साजिश की गई है.इस घोटाले को रेलवे कॉरिडोर परियोजना के नाम पर अंजाम देने की कोशिश की गई.
बाहरी लोगों के नाम पर बनाए गए फर्जी पट्टे
स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि गांव से कोई संबंध न रखने वाले करीब एक दर्जन लोगों के नाम पर फर्जी पट्टे तैयार किए गए हैं.इससे गांव में गुस्सा और रोष फैल गया है.ग्रामीणों का कहना है कि यह ज़मीन बच्चों के खेलने और मवेशियों के चरने के लिए आरक्षित थी, जिसे अब धोखाधड़ी से कब्जाने की कोशिश हो रही है.
क्या है ग्रामीणों की शिकायत?
गांव के निवासी उमेंद सिंह कंवर ने कहा, “यह ज़मीन हमारी पीढ़ियों की धरोहर है.अब कुछ बाहरी लोग फर्जी दस्तावेजों से इसे हड़पने की कोशिश कर रहे हैं.प्रशासन चुप बैठा है, जिससे हमें चिंता हो रही है.” एक अन्य ग्रामीण, पुष्पलता, ने बताया, “रेल परियोजना के नाम पर खसरा रिकॉर्ड में बदलाव किया गया है.हमने कई बार शिकायत की, लेकिन प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया.”
दो साल से लंबित है मामला, कार्रवाई नहीं
यह विवाद दिसंबर 2023 से चल रहा है.उस समय ग्रामीणों ने कटघोरा एसडीएम को ज्ञापन देकर इस ज़मीन घोटाले की जांच की मांग की थी.बावजूद इसके अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे ग्रामीणों का धैर्य टूटने की कगार पर है.
शासकीय और वन भूमि पर बढ़ते अतिक्रमण
कोरबा जिले में हाल के दिनों में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ी हैं.सिंचाई विभाग की जमीन पर हाल ही में बुलडोजर कार्रवाई जरूर हुई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों जैसे बसंतपुर में प्रशासन की सक्रियता नदारद है.साथ ही, वनभूमि पर आदिवासी समुदायों के अधिकारों को लेकर भी कई शिकायतें आ रही हैं, जिसमें दावे खारिज किए जा रहे हैं.
प्रशासन का जवाब और लोगों की उम्मीदें
कटघोरा तहसीलदार ने पुष्टि की है कि मामला उनके संज्ञान में है और शीघ्र जांच कर कार्रवाई की जाएगी.हालांकि, गांववालों को अब प्रशासन से भरोसा उठता जा रहा है.वे मांग कर रहे हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की साजिश करने की हिम्मत न कर सके.छत्तीसगढ़ सरकार के नियमों के अनुसार, चरागाह या खेल मैदान जैसी सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर पट्टा देना पूरी तरह से निषिद्ध है.इसके बावजूद यदि बाहरी लोगों के नाम पर पट्टे बने हैं, तो यह राजस्व विभाग की गंभीर लापरवाही और मिलीभगत को दर्शाता है.
करेंगे शिकायत की जांच: एसडीएम
इस बारे में कटघोरा एसडीएम ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा है कि, उन्हें फर्जी पट्टे की शिकायत मिली है जिस पर संज्ञान लिया गया है.हम जांच करेंगे कि, पट्टा कब बना है, किस आधार पर बना है? और फिलहाल किसका कब्जा है?