पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर ‘लैंडफिल साइट’ (कचरा एकत्र करने की जगह) पर भीषण आग लगने के कुछ घंटों बाद भी सोमवार को वहां से धुएं का घना गुबार उठ रहा है. दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के अनुसार, कचरे के विशाल पहाड़ से उत्पन्न गैसों के कारण रविवार शाम ‘लैंडफिल’ में भीषण आग लग गई. ‘लैंडफिल’ के करीब रहने वाले कई लोगों ने गले में दिक्कत और सांस लेने में परेशानी होने की शिकायत की है.
आग लगने के बाद तुरंत ही इसकी जानकारी पुलिस और दमकल विभाग को दी गई. सूचना पर मौके पर दमकल की 8 गाड़ियां पहुंची थी. डीएफएस ने कहा, ‘‘हमारी टीम वहां हैं और आग को पूरी तरह से बुझाने का काम कर रही हैं. आग लगने की सूचना रविवार शाम पांच बजकर 22 मिनट पर मिली. शुरुआत में हमने दो दमकल गाड़ियां भेजी थीं, लेकिन बाद में आठ दमकल गाड़ियों को काम पर लगाया गया.”
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “यहां के आसपास के जितने लोग हैं उनका जीवन नर्क हो गया है… जब नगर निगम का चुनाव था तब AAP ने घोषणा की थी कि वे दिसंबर 2023 तक इसे खत्म कर देंगे लेकिन अब यहां एक नया पहाड़ खड़ा हो गया है. यहां भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है.
दिल्ली के ग़ाज़ीपुर लैंडफिल साइट पर लगी आग पर AAP सांसद संजय सिंह ने कहा, “MCD और सभी अधिकारी वहां काम कर रहे हैं. दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं. बहुत जल्द आग पर काबू पा लिया जाएगा…”
बीजेपी के आरोपों पर AAP नेता आतिशी ने कहा रात भर दिल्ली फ़ायर सर्विस के टेंडर मौजूद थे. आग बुझ गई है, केवल धुआं है. डिप्टी मेयर कल शाम वहां गए थे. मेयर अभी जा रही हैं. इसकी जांच होगी कि आग कैसे लगी, किसने लगाई.
आग लगने की खबर आने के बाद दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय ने ‘एक्स’ पर कल पोस्ट कर कहा था कि आग गाजीपुर लैंडफिल साइट के एक छोटे से हिस्से में लगी. निर्देशों के अनुसार, सभी अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और सब कुछ नियंत्रण में है. वहीं घटनास्थल पर मौजूद रहे उपमहापौर आले इकबाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर कहा था, “गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने की घटना सामने आने के बाद, (मैंने) स्थल का निरीक्षण किया. (मैंने) अधिकारियों को आग पर जल्द काबू पाने के निर्देश दिए। गर्म और शुष्क मौसम के कारण आग लगी.
दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2022 के एमसीडी चुनाव में वादा किया था कि 31 दिसंबर, 2023 के पहले इस लैंडफिल साइट को खाली करा लिया जाएगा. हालांकि, कचरा हटाने के बजाय यहां और अधिक कचरा डाल दिया गया.
बता दें साल 2019 में गाजीपुर लैंडफिल साइट की ऊंचाई 65 मीटर थी, जो कुतुब मीनार से केवल आठ मीटर कम थी. अब इसकी ऊंचाई और ज्यादा हो गई है.