KGMU लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टरों ने एक ऐसा ऑपरेशन किया, जिसे चिकित्सा की दुनिया का चमत्कार कहा जा सकता है. बलरामपुर जिले में रहने वाली एक सात साल की बच्ची एक दर्दनाक हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थी, अब सुरक्षित है.
दरअसल 15 मई को बच्ची के गले में एक पतली कील घुस गई जो गर्दन और जबड़े को चीरती हुई दिमाग तक पहुंच गई. हालत इतनी गंभीर थी कि बच्ची को होश भी नहीं था. परिजन पहले उसे नजदीकी अस्पताल ले गए, फिर जिला अस्पताल और आखिर में KGMU ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया. 16 मई दोपहर 2 बजे बच्ची को ट्रॉमा सेंटर लाया गया.
ENT, न्यूरोसर्जरी और ट्रॉमा विशेषज्ञों की टीम बनाई गई. उसी रात डॉ. समीर मिश्रा और डॉ. वैभव जायसवाल के नेतृत्व में ऑपरेशन शुरू हुआ. चार घंटे चले ऑपरेशन के बाद भी बच्ची की हालत नाज़ुक थी. उसे 10 दिन तक PICU में वेंटिलेटर पर रखा गया. डॉक्टरों की लगातार निगरानी और मेहनत रंग लाई और अब बच्ची ICU से वार्ड में शिफ्ट कर दी गई है.
डक्टरों ने सफल ऑपरेशन कर लड़की की जान बचाई
इस सफल ऑपरेशन में डॉ. रम्भित द्विवेदी, डॉ. यादवेन्द्र, डॉ. लोकेश, डॉ. अर्पिता, डॉ. अर्चना, डॉ. आकांक्षा, डॉ. विशाल, डॉ. रंजीत चन्द्र समेत 14 डॉक्टरों की टीम शामिल रही. यह ऑपरेशन न सिर्फ एक जान बचाने की कहानी है, बल्कि टीमवर्क और मेडिकल तकनीक की मिसाल भी है.