बिहार में निजी कंपनियों के लिए खुला विकास का नया द्वार… CSR नीति 2025 से मिलेगा निवेश को बढ़ावा

बिहार अब विकास की नई राह पर तेजी से बढ़ रहा है. बिहार सरकार ने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) नीति 2025 को अधिसूचित कर दिया है. जिसके तहत निजी कंपनियां राज्य की जनकल्याणकारी योजनाओं में सीधे निवेश कर सकेंगी. इस नीति से बिहार के विकास को नई गति मिलेगी और राज्य की सामाजिक-आर्थिक तस्वीर बदलने में मदद मिलेगी.

वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने बताया कि बिहार सरकार ने एक CSR पोर्टल तैयार किया है. जिसे जल्द ही उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी लॉन्च करेंगे. इस पोर्टल पर कंपनियां रजिस्ट्रेशन कर सकेंगी और निवेश से जुड़ी सभी जानकारी एक ही जगह पा सकेंगी. सरकार ने CSR सोसाइटी का गठन किया है, जिसकी निगरानी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शासी निकाय और वित्त विभाग की कार्यकारिणी समिति करेगी. बता दें कि यह पोर्टल निवेशकों को भटकने से बचाएगा और उन्हें सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश की पूरी जानकारी देगा.

पहले क्यों थी परेशानी?

पहले निजी कंपनियों को बिहार में CSR फंड खर्च करने के लिए सही मंच नहीं मिल पा रहा था. नतीजतन, देश में 2022-23 में CSR के तहत खर्च हुए 29,727 करोड़ रुपये में से केवल 1 प्रतिशत ही बिहार को मिला था. जबकि नियमों के अनुसार बिहार को कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा मिलना चाहिए था. नई नीति और पोर्टल के जरिए अब यह कमी दूर होगी.

बिहार के लिए सुनहरा अवसर

वर्तमान में देशभर में 24,932 कंपनियां CSR फंड खर्च करने के लिए योग्य हैं. नई नीति के तहत ये कंपनियां बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में निवेश कर सकेंगी. वित्त विभाग का मानना है कि पारदर्शी नीति और पोर्टल के जरिए बिहार अब कंपनियों के लिए निवेश का आकर्षक गंतव्य बनेगा. जिससे बिहार की दिशा और दशा में बदलाव आएगा.

पटना में होगा मेगा सेमिनार

बिहार सरकार जल्द ही पटना में एक भव्य सेमिनार आयोजित करने जा रही है. इस सेमिनार में देश की प्रमुख कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा. इसका उद्देश्य कंपनियों को बिहार में CSR फंड के जरिए निवेश के अवसरों से अवगत कराना है. यह आयोजन बिहार के सामाजिक बदलाव में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा.

बिहार की महिलाओं के साथ CSR का योगदान

बिहार में पहले से ही जीविका परियोजना के तहत 1.35 करोड़ परिवारों को जोड़ा जा चुका है. जिसमें महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. अब CSR फंड के जरिए शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में और अधिक निवेश से बिहार की नारी शक्ति को नया बल मिलेगा. इसके अलावा ग्रामीण सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार सृजन जैसे क्षेत्रों में भी CSR निवेश से विकास को नई गति मिलेगी.

क्यों खास है यह नीति?

नई CSR नीति पारदर्शिता, समन्वय और कड़ी निगरानी पर जोर देती है. यह न केवल कंपनियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी, बल्कि बिहार के विकास में उनकी भागीदारी को सुनिश्चित भी करेगी. बता दें कि यह नीति बिहार को देश के उन राज्यों में शामिल करेगी, जो कॉरपोरेट निवेश के जरिए तेजी से प्रगति कर रहे हैं.

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