बिहार में कृषि क्रांति का नया दौर, डिजिटल तकनीक की मदद से हो रही आधुनिक खेती

बिहार सरकार राज्य के किसानों को आधुनिक तकनीक की मदद से जागरूक करने में कामयाब हो रही है. किसानों तक सरकार की योजनाओं, आधुनिक खेती के तरीके, मौसम आदि से जुड़ी जानकारी पहुंचानी हो या उनकी समस्याओं का निराकरण करना हो, इसमें डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल बिहार में काफी हो रहा है.

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कृषि को डिजिटल दुनिया से जोड़ने के लिए कृषि रेडियो, बिहार कृषि ऐप, किसान कॉल सेंटर आदि की स्थापना की गई है. कृषि रेडियो के माध्यम से किसानों को कृषि संबंधी सलाह और सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं बिहार कृषि ऐप किसानों के डिजिटल साथी की तरह काम कर रहा है

ऐप पर किसानों से जुड़ी योजनाएं

इस ऐप पर किसानों को सभी सरकारी योजनाओं, फसल प्रबंधन, बाजार मूल्य, और तकनीकी सलाह जैसी सभी आवश्यक सेवाएं एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जा रही हैं. किसान इस ऐप के माध्यम से विभिन्न कृषि योजनाओं में आवेदन कर सकते हैं और उनकी स्थिति, अनुदान विवरण तथा स्वीकृति की वास्तविक समय पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. कृषि से संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए किसान कॉल सेंटर बनाया गया है. इसके माध्यम से किसानों की विभिन्न समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है.

डिजिटल क्रॉप सर्वे से डाटा होगा जिडिटल

बिहार में डिजिटल क्रॉप सर्वे की शुरूआत की जा चुकी है. इससे आसानी से पता चल रहा है कि राज्य के किस जिलें में फसल की कितने क्षेत्र में खेती की गई है. इसी कड़ी में कृषि विभाग खरीफ 2025-26 में राज्य के करीब 2 करोड़ 18 लाख से अधिक प्लॉट का डिजिटल क्रॉप सर्वे करने जा रहा है. जिसके बाद सभी 38 जिलों के 32707 से अधिक गांवों में उगाए गए फसलों का डाटा डिजिटलीउपलब्ध हो जाएगा.

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