सुपौल: सुपौल के सरकारी प्रधान के लिए अब विभाग ने नया फरमान जारी कर दिया है, जिस खबर को पढ़ कर आप भी हैरान हो जाएंगे. जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में अब बिना पोशाक के छात्र-छात्राओं के आने पर कड़ी रोक लगा दी गई है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने इस संबंध में सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि प्रत्येक विद्यालय में बच्चों की सौ प्रतिशत उपस्थिति पोशाक में ही सुनिश्चित की जाए. डीईओ द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि प्रतिदिन विभागीय कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से चेतना सत्र की तस्वीरें मांगी जाती हैं.
निरीक्षण के क्रम में यह पाया गया कि कई विद्यालयों के छात्र-छात्राएं बिना निर्धारित ड्रेस के स्कूल आते हैं. इस पर विभाग ने कड़ी नाराजगी जताते हुए चेतावनी दी है कि लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. डीईओ ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने प्रखंड के सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं प्रभारी प्रधानाध्यापकों को अवगत कराएं कि अब से कोई भी छात्र बिना पोशाक विद्यालय न आए. साथ ही यह भी अनिवार्य किया गया है कि सभी बच्चे समय पर विद्यालय पहुंचें और चेतना सत्र में भाग लें. इसके अतिरिक्त, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि चेतना सत्र की फोटो प्रतिदिन निर्धारित ऐप के माध्यम से भेजी जाए. विभाग ने यह भी कहा है कि जो भी विद्यालय इस व्यवस्था का पालन नहीं करेंगे, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा विभाग के इस सख्त कदम से अभिभावकों और छात्रों में अनुशासन बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
अधिकारियों का मानना है कि एकरूप पोशाक से बच्चों में न केवल अनुशासन और समानता की भावना विकसित होगी बल्कि विद्यालय का माहौल भी और अधिक सशक्त होगा. अब सुपौल जिले के विद्यालयों में बच्चों को अनिवार्य रूप से ड्रेस पहनकर ही स्कूल आना होगा, अन्यथा जिम्मेदार पदाधिकारी कार्रवाई के दायरे में आएंगे.