पेशी से पहले एक अर्जी और संगीन आरोप; धनकुबेर पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा ने किस-किस को लपेटा?

मध्य प्रदेश आरटीओ के धनकुबेर कांस्टेबल सौरभ शर्मा के वकील ने कोर्ट में सरकारी वकील के साथ गर्मागर्म बहस की. सौरभ के वकील वकील राकेश पराशर ने बहस की शुरुआत करते हुए गिरफ्तारी को ही अवैध करार दिया. कहा कि सौरभ शर्मा कोर्ट के आदेश पर खुद ही आज सरेंडर के लिए आ रहे थे, लेकिन कोर्ट के गेट से ही पुलिस ने उठा लिया. इसी क्रम में पुलिस की ओर से रिमांड अर्जी आई तो भी वकील राकेश पराशर ने पुरजोर विरोध किया.उन्होंने लोकायुक्त पुलिस की हिरासत में सौरभ की जान को खतरा बताया.

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उन्होंने रिमांड अवधि के दौरान सौरभ को टॉर्चर करने की आशंका जताई. कहा कि उनका कस्टडी रिमांड एक साजिश के तहत मांगा जा रहा है. राकेश पाराशर की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने महज सात दिन का रिमांड मंजूर किया है. इसके बाद एक बार फिर राकेश पाराशर ने पुलिस पर संगीन आरोप लगाए. रिमांड के दौरान सौरभ की सुरक्षा की मांग करते हुए उन्होंने कोर्ट पूरी पूछताछ वीडियो कैमरे के सामने कराने की अपील की. यही नहीं, रोज वकील से मिलने और मेडिकल चेकअप की भी मांग की.

डीजी लोकायुक्त ने दिया जवाब

उधर, वकील की ओर से सुरक्षा को खतरे का अंदेशा जताने के बाद लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस की हिरासत में सौरभ को कोई खतरा नहीं है. रिमांड में सौरभ और उसके साथियों पूछताछ होगी. इस दौरान पता करने की कोशिश की जाएगी कि वह कहां कहां और किस किसके नाम से प्रापर्टी बनाया है. हालांकि उन्होंने इस पूछताछ के दौरान वीडियोगाफी कराने से इंकार किया है. कहा कि इस दौरान जरूरी हुआ तो उसे घटना से जुड़े अलग अलग स्थानों पर भी ले जाया जाएगा.

सौरभ और उसके दोस्तों पर ये हैं आरोप

मध्य प्रदेश के आरटीओ में कांस्टेबल रहे सौरभ शर्मा पर आय से कई गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. छापेमारी के दौरान उसके ठिकानों से जांच एजेंसियों को अरबों की संपत्ति या उससे जुड़े दस्तावेज मिले हैं. इसी प्रकार सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर पर इस धांधली में सौरभ का साथ देने का आरोप है. चेतन की ही गाड़ी में 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नगद मिले थे. यह कार चेतन सिंह गौर के नाम पर पंजीकृत है. वहीं तीसरे आरोपी शरद जायसवाल को सौरभ का सहयोगी बताया जा रहा है. आरोप है कि शरद के जरिए ही सौरभ ने अपनी काली कमाई को ठिकाने लगाया था.

 

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