मृत इंसान के नाम पर चल रहा बस्तर में निजी अस्पताल, सीएमएचओ को नहीं थी जानकारी

छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा बदहाल होने से निजी अस्पतालों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है. ऐसा ही मामला बस्तर जिले के जगदलपुर शहर में भी सामने आया है. जहां सारे नियमों को ताक में रखकर एक निजी अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. आरोप है कि मरीजों से बेहतर ईलाज के नाम पर मनमाना पैसा वसूला जाता है.

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मृत इंसान के नाम पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन: जिस निजी अस्पताल पर आरोप है वो अस्पताल शहर के बीचो बीच संचालित किया जा रहा है. आरोप है कि अस्पताल मृत शख्स के नाम पर पिछले 2 सालों से संचालित किया जा रहा है. आरोप ये भी है कि यहां सेवा दे रहे कर्मचारियों और डॉक्टरों ने इसकी सूचना देना भी सीएमएचओ को मुनासिब नहीं समझा. मृत व्यक्ति के नाम पर अस्पताल चलाने के मामले में स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम जल्द ही जांच करने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं.

अस्पताल के मैनेजर की सफाई: अस्पताल के मैनेजर अनिल देवांगन ने बताया कि ”वर्तमान में अस्पताल के 4 पार्टनर हैं. जिनमें जय कुमार रविचन्द की मृत्यु होने पर उनकी पत्नी पार्टनर हैं. साथ ही कृतिष कुमार, दीपक बर्मन व अनिता ठाकुर हैं. अस्पताल के भीतर जांच के लिए एक्सरे मशीन है. खून की जांच बाहर के दूसरे लैब में करवाया जाता है. जिनके नाम पर अस्पताल चल रहा है उनकी मौत के बाद नए रजिस्ट्रेशन के लिए समय लग रहा है.

अस्तपाल में हैं कई पार्टनर: अस्पताल के पार्टनर दीपक बर्मन ने कहा कि अस्पताल में एक बार जांच का मशीन आया था. जिसके कारण अस्पताल को लाइसेंस मिला था. लेकिन मशीन के खराब होने के बाद उसका क्या किया गया उसकी जानकारी नहीं है. अस्पताल का पूरा लेनदेन डॉ. ठाकुर व डॉ. ध्रुव ही देखते हैं.

अस्पताल का रजिस्ट्रेशन: आरोप है कि जिन उपकरणों का सरकारी दस्तावेज में जिक्र कर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कराया गया है. अस्पताल में ऐसी कोई भी उपकरण मौजूद नहीं. अल्ट्रासाउंड, डायलिसिस, सिटी स्कैन, एमआरआई, सोनोग्राफी मशीन जैसे जरूरी उपकरण यहां मौजूद ही नहीं हैं. बावजूद इसके धड़ल्ले से अस्पताल का संचालन हो रहा है. वहीं स्वास्थ्य विभाग को बिना जानकारी दिए पिछले 2 सालों से मृत व्यक्ति ने नाम पर अस्पताल का संचालन किया जा रहा है.

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