देश में तेजी से फैल रहे नौकरी के नाम पर ठगी के रैकेट का एक और मामला सामने आया है। इस बार शिकार बनी हैं महाराष्ट्र के पुणे शहर की एक शिक्षित महिला, जिससे 3 लाख 20 हजार रुपये की ठगी की गई। ये ठगी सरकारी नहीं, बल्कि निजी कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर की गई, जिससे यह साफ हो गया कि गिरोह का जाल अब सिर्फ सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं रहा।
भरवेली पुलिस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे
बालाघाट जिले की भरवेली पुलिस इस मामले की तह तक पहुंच रही है। जांच में सामने आया कि पीड़िता से ली गई रकम का लेन-देन वारासिवनी स्थित एक कियोस्क सेंटर के जरिये हुआ है। पुलिस ने कियोस्क संचालक से पूछताछ शुरू कर दी है और उस चैन को खंगालने में जुटी है, जिससे ठगों तक पहुंचा जा सके।
5 राज्यों से जुड़ा है ठगों का नेटवर्क
जांच में यह भी स्पष्ट हो गया है कि यह कोई अकेली घटना नहीं है। फर्जीवाड़े के तार मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली और महाराष्ट्र से जुड़े हुए हैं। यह संगठित गिरोह विभिन्न राज्यों में सक्रिय है और बेरोजगार युवाओं को नौकरी का लालच देकर लाखों रुपये ठग रहा है। गिरोह की रणनीति काफी शातिर है – पहले भरोसे में लेना, फिर इंटरव्यू या दस्तावेज भेजने की प्रक्रिया दिखाकर किस्तों में रकम ऐंठना।
पीड़िता ने सुनाई आपबीती
पुणे की महिला ने पुलिस को बताया कि उसे पुणे में ही एक निजी कंपनी में टाइपिस्ट की नौकरी का झांसा दिया गया था। नौकरी की प्रक्रिया पूरी करवाने के नाम पर उससे 3.20 लाख रुपये ठग लिए गए। जब काफी समय तक जॉइनिंग नहीं मिली और फोन बंद होने लगे, तब उसे शक हुआ और वह पुलिस के पास पहुंची।
पुणे में दी गई दबिश
भरवेली थाना प्रभारी संजय ऋषिश्वर ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम ने पुणे में दबिश भी दी। वहां पीड़िता के बयान लिए गए हैं और उसके पति से भी जानकारी एकत्र की गई है। पुलिस अब इस नेटवर्क के अन्य पीड़ितों तक पहुंचने और ठगों की पहचान करने की कोशिश कर रही है।