भारतीय टेस्ट क्रिकेट के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भावुक पोस्ट साझा किया है। थरूर ने कहा कि पुजारा जैसे जुझारू खिलाड़ी को एक गरिमामय विदाई मिलनी चाहिए थी। उन्होंने लिखा कि भारतीय क्रिकेट में पुजारा का योगदान अमूल्य है और उनकी शैली ने टीम इंडिया को कई मुश्किल परिस्थितियों से निकाला है।
चेतेश्वर पुजारा ने 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। लगभग डेढ़ दशक तक उन्होंने भारतीय टेस्ट टीम की रीढ़ की हड्डी की तरह बल्लेबाजी की। अपने क्लासिकल अंदाज, लंबी पारियों और जिद्दी डिफेंस के लिए मशहूर पुजारा को ‘वॉल 2.0’ भी कहा जाता है। उन्होंने कई बार विदेशी पिचों पर धैर्य और संयम से बल्लेबाजी कर भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
शशि थरूर ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि पुजारा ने न केवल बल्ले से बल्कि अपने स्वभाव से भी क्रिकेट को समृद्ध किया। उन्होंने कहा कि आज जब तेजतर्रार क्रिकेट का जमाना है, तब भी पुजारा ने दिखाया कि धैर्य और तकनीक से मैच जीते जा सकते हैं। उनका रिटायरमेंट भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग का अंत है।
पुजारा का करियर आंकड़ों में भी बेहद खास रहा है। उन्होंने 103 टेस्ट मैचों में 7000 से ज्यादा रन बनाए। उनके नाम 19 शतक और 35 अर्धशतक दर्ज हैं। सबसे यादगार पारी 2018-19 की ऑस्ट्रेलिया सीरीज में आई, जब उन्होंने तीन शतक ठोककर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
फैंस का मानना है कि पुजारा को महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों की तरह फेयरवेल टेस्ट मैच मिलना चाहिए था। शशि थरूर ने भी यही भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि एक क्रिकेटर जिसने भारत को गर्व महसूस कराया, उसे तालियों की गड़गड़ाहट के बीच विदा होना चाहिए था।