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गार्ड से धक्का-मुक्की, महिला वार्ड में जबरन घुसे दो शख्स… मुस्लिम महिला के इलाज न करने के मामले में एक नया मोड़

उत्तर प्रदेश के जौनपुर के जिला महिला अस्पताल में कथित तौर पर जाति धर्म देखकर मुस्लिम महिला का इलाज न करने के मामले में दो लोगों पर केस दर्ज हुआ है. दोनों युवकों पर जिला अस्पताल में तैनात गार्ड के साथ धक्कामुक्की करके जबरन लेबर रूम में घुसकर महिला को उकसाकर उसका बयान वायरल करने के आरोप लगे हैं. सीएमएस डॉ महेंद्र कुमार गुप्ता की तहरीर पर पुलिस ने गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है.

दरअसल, जौनपुर के जिला महिला चिकित्सालय में प्रसव पीड़ा के बाद 30 सितंबर को चंदवक क्षेत्र से आईं शमा परवीन नामक महिला को एडमिट कराया गया था. महिला ने आरोप लगाया था कि मुस्लिम होने की वजह से अस्पताल की महिला चिकित्सक ने उसे छुआ तक नहीं. स्टाफ से कहा कि इसे आपरेशन थियेटर में मत लाना, मैं इसका इलाज नहीं करूंगी. महिला का बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला महिला अस्पताल के चिकित्सकों पर तरह-तरह के सवाल खड़े किए जा रहे थे. हालांकि, इसके बाद सीएमएस ने पूरे मामले की जांच के साथ ही दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही थी.

जिला महिला अस्पताल के चिकित्सकों पर जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाने के मामले में सीएमएस डॉ महेंद्र कुमार गुप्ता ने ड्यूटी पर तैनात गार्ड के साथ धक्का-मुक्की करके अस्पताल के प्रतिबंधित कक्ष में घुसकर वीडियो बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि मो. उस्मान और मयंक श्रीवास्तव नामक दो युवक गार्ड को धक्का देकर लेबर रूम में घुसकर आरोप लगाने वाली महिला को उकसाकर उसका बयान लिया. धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए आरोपियों द्वारा बयान को वायरल करते हुए शमा परवीन को अस्पताल से भगा दिया गया. आरोपियों द्वारा सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई.

महिला ने बच्चे को दिया जन्म

जिस महिला ने मुस्लिम होने की वजह से जिला महिला अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज न करने का आरोप लगाया था. दो अक्टूबर को उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बक्शा में नार्मल डिलिवरी के दौरान बच्चा पैदा हुआ. CMS ने बताया कि दूसरी, जिस महिला का इलाज नहीं करने का आरोप लगाया गया था उसे एनीमिया हुआ था. पीड़िता की गंभीर हालत देखते हुए उसे रेफर कर दिया गया था.

CCTV में वीडियो बनाते दिखे आरोपी

पूरे मामले पर जब जिला महिला अस्पताल का सीसीटीवी फुटेज चेक किया गया तो उसमें दोनों आरोपी युवक महिला वार्ड में जाकर पीड़िता का बयान लेते हुए दिखे. महिला वार्ड के अंदर गार्ड उन्हें जाकर बाहर करने की कोशिश करता भी दिखा लेकिन दोनों युवक गार्ड की बात न मानते हुए महिला का बयान लेते रहे. आरोप है कि इस दौरान वार्ड में एडमिट अन्य महिला मरीजों को असहजता का सामना भी करना पड़ा.

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