संसाधनों की कमी से जूझ रही छात्रा को मिला लैपटॉप, कलेक्टर जनदर्शन में किया था अनुरोध

कुरुद: संकल्प, समर्पण और सहयोग जब एक साथ मिलते हैं, तो किसी की ज़िंदगी बदल सकती है. ऐसा ही प्रेरणादायक उदाहरण आज धमतरी में देखने को मिला, जब एक ग़रीब लेकिन प्रतिभाशाली छात्रा ऐश्वर्या गंगबेर ( लोहरसी) निवासी को उसकी पढ़ाई की निरंतरता बनाए रखने के लिए कलेक्टर अबिनाश मिश्रा एवं स्थानीय ‘साथी समूह’ के सदस्यों के सहयोग से एक लैपटॉप प्रदान किया गया. छात्रा ऐश्वर्या ने कलेक्टर जनदर्शन में माह 26 मई 2025 को आवेदन देते हुए कलेक्टर से लैपटॉप का अनुरोध किया था.

धमतरी जिले के लोहरसी निवासी ऐश्वर्या गंगबेर एक ग़रीब परिवार से हैं, लेकिन कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने शिक्षा को अपना लक्ष्य बना रखा है. वर्तमान में वह रुद्री स्थित भोपालराव पवार पॉलिटेक्निक कॉलेज में सिविल इंजीनियरिंग के द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं. ऐश्वर्या के पिता मेहनत-मजदूरी मूर्ति बनाने का काम करते है. किसी तरह अपनी बेटी की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं. परंतु, तकनीकी शिक्षा के इस दौर में लैपटॉप जैसे आवश्यक संसाधन की कमी ऐश्वर्या की पढ़ाई में बाधा बन रही थी.

जब यह बात कलेक्टर मिश्रा के संज्ञान में आई, तो उन्होंने छात्रा की मदद के लिए तत्परता दिखाई. उन्होंने स्थानीय ‘साथी समूह’ के माध्यम से समाज के जागरूक नागरिकों से मदद की अपील की. उनकी इस अपील पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए समाजसेवियों ने छात्रा की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया. साथी समूह के सक्रिय सदस्य आकाश कटारिया, अंकित लाठ एवं निश्चल बोहरा के सहयोग से ऐश्वर्या को एक नया लैपटॉप प्रदान किया गया. यह केवल एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं, बल्कि ऐश्वर्या के सपनों को उड़ान देने का माध्यम बन गया है.

इस अवसर पर कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि ऐसे होनहार बच्चों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी केवल शासन की नहीं, बल्कि समाज के हर सक्षम व्यक्ति की भी है. उन्होंने कहा कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती, बस सही समय पर थोड़ा सहारा मिलने से बड़ी उड़ान भर सकती है. साथी समूह के सदस्यों ने भी आश्वस्त किया कि भविष्य में भी वे जरूरतमंद बच्चों की सहायता के लिए तत्पर रहेंगे.

ऐश्वर्या और उसके परिवार ने इस सहयोग के लिए कलेक्टर एवं सभी दानदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया. यह पहल केवल एक छात्रा की मदद भर नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सहयोग, मानवीय संवेदना और शिक्षा के प्रति हमारे दायित्व का जीता-जागता उदाहरण है. ऐसे प्रयास समाज को सकारात्मक दिशा देने के साथ-साथ यह भी सिद्ध करते हैं कि अगर हम चाहें, तो हर प्रतिभा को उसका हक मिल सकता है.

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