जनेऊ पहन कर छात्र को एग्जाम हॉल में जाने से रोका, हंगामे के बाद परीक्षा अधिकारी पर एक्शन

कर्नाटक के शिवमोग्गा में आदिचुंचनगिरी स्कूल में आयोजित कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) देने गए छात्रों से जनेऊ उतारने के मामले में विवाद के बाद परीक्षा केंद्र में तैनात सुरक्षा कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

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पुलिस ने बताया कि ये मामला नटराज भागवत नामक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है. आरोपियों के खिलाफ BNS की धारा 3(5) के साथ धारा 115(2), 299, 351(1) और 352 के तहत FIR दर्ज की गई है. अधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि किन परिस्थितियों में छात्रों को धार्मिक प्रतीकों को हटाने का निर्देश दिया गया था.

दुर्भाग्यपूर्ण है ये घटना: शिक्षा मंत्री

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एमसी सुधाकर ने इसे बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताया और पुष्टि की कि बीदर के एक परीक्षा केंद्र से भी ऐसी शिकायतें मिली हैं. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य भर के ज्यादातर अन्य केंद्रों पर परीक्षा प्रक्रिया सुचारू रूप से हुई.

उन्होंने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, ‘ये घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. यह केवल शिवमोग्गा में ही नहीं, बल्कि बीदर में भी ऐसा हुआ. बाकी सभी जगहों पर दो केंद्रों को छोड़कर प्रक्रिया सुचारू रूप से चली. किसी भी गैजेट की जांच या तलाशी के लिए जिम्मेदार लोगों या यहां तक कि जो भी प्रोटोकॉल का पालन किया गया था. उन्हें कभी भी ऐसी वस्तुओं की जांच करने या हटाने का निर्देश नहीं दिया गया था.’

‘हम कार्रवाई करेंगे’

उन्होंने कहा, ‘परीक्षा में लिखने के लिए इसकी जांच करने या इसे हटाने का उल्लेख नहीं किया गया था. हम सभी धर्मों, उनकी आस्था और उनके कार्यों का सम्मान करते हैं… हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते और हम कार्रवाई करेंगे…’

क्या है मामला

दरअसल, 16 अप्रैल को आदिचुंचनगिरी इंडिपेंडेंट पीयू कॉलेज में हुई इस घटना के बाद शहर के ब्राह्मण समुदाय के सदस्यों और पुलिस के बीच बहस हो गई. इसके बाद समुदाय के लोगों ने संबंधित सुरक्षा गार्ड के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

ब्राह्मण समुदाय ने भी शिवमोग्गा डीसी से शिकायत की और लिखा, ‘ये बहुत निंदनीय है कि केंद्र के अधिकारियों द्वारा ऐसा अपमानजनक काम किया गया, जहां छात्रों ने गायत्री मंत्र दीक्षा ली थी, जो आत्म-जागरूकता के लिए एक आध्यात्मिक व्रत है, उन्हें अपने पवित्र धागे को उतारने के लिए मजबूर किया गया.’

वहीं, बीदर के साईं स्फूर्ति कॉलेज परीक्षा केंद्र से रिपोर्ट की गई दूसरी घटना में चौबारा निवासी सुचिव्रत कुलकर्णी नामक एक छात्र को गणित की CET परीक्षा में प्रवेश देने से कथित तौर पर मना कर दिया गया, क्योंकि उसने जनेऊ पहना हुआ था.

छात्र के परिवार और समुदाय के सदस्यों की शिकायतों के अनुसार, परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों ने कुलकर्णी को अयोग्य ठहराए जाने के आधार पर उसकी पोशाक का हवाला देते हुए पेपर लिखने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. वहीं, कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) की देखरेख करने वाले कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.

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