दुर्ग जिले के खारुन नदी अटारी एनीकट में नहाते समय शनिवार को कक्षा 7वीं का छात्र डूब गया। दोस्तों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन तेज बहाव के कारण वह नदी में समा गया। घटना के 48 घंटे के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। घटना कुम्हारी थाना क्षेत्र के महामायापारा की है।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार दोपहर करीब 3 बजे गजेन्द्र पटेल (13) पिता नंद लाल पटेल अपने 3-4 दोस्तों के साथ घर से निकला था। बच्चे घूमते-घूमते खारुन नदी के अटारी एनीकट पहुंच गए। यहां सभी ने नहाने की सोची। गजेन्द्र ने कपड़े उतारे और नदी में छलांग लगा दी।
लेकिन जैसे ही वह गहरे पानी में गया, अचानक डूबने लगा। एसडीआरएफ की टीम पूरे दिन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाती रही, मगर बच्चा अब तक नहीं मिला। सोमवार को भी रेस्क्यू किया गया।
दोस्तों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे
गजेन्द्र के साथी घबराकर तुरंत नदी में कूदे और उसे पकड़ने की कोशिश की। लेकिन तेज बहाव के कारण वे उसे बाहर नहीं निकाल पाए। देखते-ही-देखते गजेन्द्र बहते हुए गहराई में समा गया। हादसे से घबराए बच्चे दौड़ते हुए उसके घर पहुंचे और परिवार को जानकारी दी। खबर मिलते ही परिवार नदी किनारे पहुंचा। मोहल्ले के लोग भी मौके पर जुट गए।
सूचना पर पहुंची पुलिस, बुलानी पड़ी SDRF
कुम्हारी थाना प्रभारी योगेन्द्र वर्मा ने बताया कि, सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) को बुलाया गया। रविवार सुबह से टीम ने खारुन नदी में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। गोताखोरों ने घंटों तलाश की, नावों से नदी की खाक छानी, लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिल पाया।
नदी का बहाव तेज, 40 किलो मीटर आगे जा सकती है बॉडी
इधर, एसडीआरएफ के अधिकारी नागेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि, टीम लगातार खोजबीन कर रही है। आज भी मुनादी के लिए बोला गया है। संभवत: बच्चे की बॉडी 30 से 40 किलो मीटर आगे भी जा सकती है। शनिवार से लेकर अब तक खारुन नदी का बहाव काफी तेज है। टीम लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है।
48 घंटे बाद भी अब तक नहीं मिली सफलता
थाना प्रभारी वर्मा ने बताया कि, नदी में बहाव ज्यादा है और पानी गहरा होने की वजह से रेस्क्यू टीम को कठिनाई हो रही है। रविवार को पूरे दिन मशक्कत के बावजूद सफलता नहीं मिली। 48 घंटे से ज्यादा समय बीतने के बाद भी अब तक टीम को सफलता नहीं मिली है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि, खारुन नदी में आए दिन बच्चे और युवक नहाने पहुंच जाते हैं। यहां चेतावनी बोर्ड भी लगे हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं देता। हर साल इस तरह की डूबने की घटनाएं होती हैं। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से सुरक्षा इंतजाम पुख्ता नहीं किए जाते।