MP के ट्राइबल हॉस्टल में बिगड़ी छात्र की तबीयत, झोलाछाप डॉक्टर को दिखाया; इंजेक्शन से हो गई मौत

खरगोन जिले के बलकवाडा में सीनियर आदिवासी बालक छात्रावास के एक आदिवासी छात्र की इंजेक्शन लगाने के बाद संदिग्ध मौत से हडकंप मच गया है। 17 वर्षीय 11वीं के छात्र सुरेश पिता मुकेश कौर की तबीयत बिगडने के बाद गांव के ही एक डॉक्टर पप्पू चौहान ने उपचार के दौरान इंजेक्शन लगाने से छात्र बेहोश हो गया था। जिला अस्पताल ले जाने के दौरान छात्र की मौत हो गई। जिला अस्पताल पहुंचे छात्र के पिता मुकेश ने झोलाछाप डॉक्टर के गलत इंजेक्शन लगाने से मौत होने का गंभीर आरोप लगाया है।

छात्रावास प्रबंधन की बडी लापरवाही सामने आ रही है। बताया जा रहा है की सर्दी-खांसी से पीडित छात्र की तबीयत बिगडने के बाद हॉस्टल प्रबंधन ने जिला अस्पताल पहुंचाने की जगह गांव में ही ग्रामीण डॉक्टर (झोलाछाप) से छात्र का देर शाम 7 बजे खाना खाने के बाद उपचार कराने ले गए। इस दौरान झोलाछाप डॉक्टर के इंजेक्शन लगने के बाद छात्र की तबीयत बिगड गई।

रास्ते में चली गई छात्र की जान

चर्चा है की झोलाछाप डॉक्टर ही हॉस्टल प्रबंधन के साथ खरगोन जिला अस्पताल ले जा रहे थे। इस दौरान रास्ते में ही 11वीं के छात्र की मौत हो गई। आदिवासी छात्र की मौत के बाद प्रशासन में हडकंप मच गया। सूचना मिलते ही आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त इकबाल हुसैन आदिल, तहसीलदार महेन्द्र दांगी, सीएमएचओ एमएस सिसौदिया देर रात जिला अस्पताल पहुंच गए।

डॉक्टरों की टीम छात्र का पोस्टमार्टम करेगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्रवाई की बात कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच में दोषी पर कार्रवाई की बात की जा रही है। इधर छात्र के पिता ने हॉस्टल में तबीयत बिगडने की सूचना नहीं देने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी होती तो मैं जिला अस्पताल लाकर उपचार करता। बलकवाडा थाने के भोपालपुरा के रहने वाले आदिवासी मुकेश कौर का कहना है कि मेरे बेटे की मौत लापरवाही से हुई है। छात्रावास प्रबंधन की लापरवाही और झोलाछाप डॉक्टर की वजह से बेटे की मौत हो गई। दोषियों पर कार्रवाई होना चाहिए।

 

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