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सरेंडर करने वाले नक्सली को सात दिनों के भीतर बना सकते हैं अपना गनमैन: विजय शर्मा

रायपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दौरा खत्म होने के बाद विजय शर्मा ने मीडिया से बातचीत की. गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि ”बस्तर में सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सात दिनों के भीतर गन देकर आप अपना गनमैन बना सकते हैं. छत्तीसगढ़ की सरेंडर पॉलिसी सबसे बेहतर नक्सलियों को लेकर सरेंडर पॉलिसी है”. विजय शर्मा ने दावा किया है कि तय समय सीमा के भीतर ही नक्सलवाद का अंत छत्तीसगढ़ की जमीन से हो जाएगा. बस्तर तक जो सुविधाएं पहुंचानी हैं उसे भी तय समय में पूरा कर लिया जाएगा.

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सात दिनों के भीतर बना सकते हैं अपना गनमैन: विजय शर्मा ने कहा कि ”नक्सली 13 साल से लेकर 18 साल तक के बच्चों को नक्सली बनाने के लिए घर से उठा ले जाते हैं. हमारी कोशिश है कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों को हर सुविधा मुहैया कराई जाए. हमने अपनी अपनी सरेंड पॉलिसी को भी बेहतर बनाया है. नक्सल पीड़ित परिवारों की भी हमने चिंता की है. नक्सलवाद के खात्मे के लिए हम एनजीओ की भी मदद ले रहे हैं. नक्सलवाद के खात्मे के लिए अपनी तय रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं.”

‘नक्सलवाद के खात्मे के लिए बस्तर का विकास जरुरी‘: गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि ”बस्तर के दूर दराज के गांवों तक विकास को पहुंचाना सरकार की बड़ी जिम्मेदारी है. नक्सलवाद से मुक्ति के लिए हमें विकास को भी बस्तर में बढ़ावा देना है. बस्तर के गांवों में जिन जरुरतों और सुविधाओं की कमी है उसे पूरा करना है. जब नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों को विकास का फायदा मिलने लगेगा आतंक पर पूरी तरह से तभी नियंत्रण होगा. नक्सलवाद के खात्मे के लिए हम हर वो कोशिश करने जा रहे हैं जो जरुरी है.”

”एक ग्राम ड्रग्स भी छत्तीसगढ़ में आता है तो इसपर नजर रखना है. एक युद्ध नशे के विरूद्ध होगा. टॉप टू बॉटम पर नशे के खिलाफ कार्रवाई होगी. पूरा प्रशासन पूरी ताकत से काम करेगा. इसको लागू करने के लिए हम अभी से कोशिश शुरु कर देंगे. नक्सल विरोधी अभियान में बेहतर काम करने वाले जवानों की तारीफ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने की है. नक्सवाद और आतंकवाद को हम तय समय सीमा के भीतर खत्म करेंगे”. – विजय शर्मा, गृहमंत्री, छत्तीसगढ़

‘नशे के खिलाफ टॉप टू बॉटम होगा एक्शन‘: विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ टॉप टू बॉटम एक्शन लिया जाएगा. बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री ने भी कहा है कि एक भी ग्राम ड्रग्स का छत्तीसगढ़ में आता है तो उसकी जांच लेने वाले से पहुंचाने वाले तक की जानी चाहिए. जबतक उसकी तह तक नहीं पहुंचा जाएगा तबतक नशे का नेटवर्क खत्म नहीं होगा. हमारी कोशिश होगी की हम पूरी ताकत के साथ नक्सलवाद और नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ें.”

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