उदयपुर: थाना सूरजपोल पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले 10,000 रुपये के इनामी बदमाश को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक, उदयपुर, योगेश गोयल द्वारा चलाए जा रहे वांछित अपराधियों की धरपकड़ अभियान के तहत की गई. आरोपी नरेश पिता नामदेव उर्फ रामदेव पिछले चार सालों से फरार चल रहा था.
मामले की जानकारी देते हुए थानाधिकारी रतन सिंह ने बताया कि 2021 में जयपुर निवासी बलविंदर सिंह ने थाना सूरजपोल में एक मामला दर्ज कराया था. प्रार्थी ने अपनी शिकायत में बताया था कि राजेंद्र महतो (बोकारो स्टील सिटी, झारखंड) और निकेश पाचपुते (छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश) ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनसे और उनके जान-पहचान वालों से वन विभाग और एफसीआई में नौकरी लगवाने का वादा किया। इसके बदले में करोड़ों रुपये की ठगी की गई और फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए गए.
इस मामले में पुलिस पहले ही निकेश पाचपुते, शत्रुघ्न तिवारी, अमन कुमार, आलोक महाजन उर्फ बच्चू महाजन और एस. के. ताजुद्दीन को गिरफ्तार कर चुकी है. हालांकि, नरेश बोडे, राजेंद्र महतो और नितिन कुमार गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गए थे. इन तीनों पर जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा 10,000-10,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था.
थानाधिकारी रतन सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें शरीफ खान (स.उ.नि.), नेपाल सिंह (हेड कांस्टेबल) और रमेश चंद्र (कांस्टेबल) शामिल थे. आरोपी नरेश उर्फ रामदेव को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपी से फिलहाल पूछताछ जारी है, और मामले में आगे की जांच की जा रही है. इस गिरफ्तारी से गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने में मदद मिलने की उम्मीद है. पुलिस ने यह भी कहा कि इस तरह के मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा और फरार आरोपियों की धरपकड़ जारी रहेगी.
पुलिस टीम की सराहना करते हुए, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा ने कहा कि इस तरह के अपराधों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. यह गिरफ्तारी पुलिस की तकनीकी और सूचना-आधारित कार्रवाई का एक सफल उदाहरण है.